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हिंदी सिर्फ भाषा नहीं बल्कि यह हमारे संस्कृति की पहचान है, पढ़िए 14 सितंबर से इसका संबंध

किस्सा- कहानी

हिंदी सिर्फ भाषा नहीं बल्कि यह हमारे संस्कृति की पहचान है, पढ़िए 14 सितंबर से इसका संबंध

विश्व में सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि हमारे संस्कृति की पहचान है. यह भाषा हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान और गौरव प्रदान करती है, तभी तो भारत देश की राष्ट्रभाषा और राजभाषा एक ही है.  चाहे कोई भी धर्म हो या भाषा, हिंदी सभी को एक साथ एक कड़ी में जोड़ने का काम करती है. यह एक देश की संस्कृति, पहनावा और रहन-सहन के पहचान को दर्शाती है. बहुत सरल,सहज भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवत सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में इस्तेमाल करते हैं. यह भारत को पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दिलाता है. आज हम आपको बताएंगे किस तरह हिंदी भाषा का विकास हुआ. साथ ही साथ 14 सितंबर को हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है.

हिंदी भाषा का परिचय
हिंदी भाषा का जन्म लगभग 1000 वर्ष पहले हुआ था. दरअसल इस भाषा का जन्म देव भाषा संस्कृत के कोख से हुआ है. संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन भाषा है, जिसे आर्य भाषा या देव भाषा भी कहा जाता है. हिंदी इसी आर्य भाषा संस्कृत की उत्तराधिकारिणी मानी जाती है. साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि हिंदी का जन्म संस्कृत की कोख से हुआ था. कहा जाता है कि हिंदी का जो विकास हुआ वह अपभ्रंश से हुआ है और इस भाषा से कई आधुनिक भारतीय भाषाओं और उप भाषाओं का जन्म हुआ है. जब अपभ्रंश भाषा साहित्यिक संदर्भ में प्रयोग में आ रही थी, यही भाषण बाद में विकसित होकर आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं के रूप में जानी गई, जिस तरह से हिंदी की उत्पत्ति हुई. भारतेंदु हरिश्चंद्र को हिंदी भाषा की उत्पत्ति का जनक कहा जाता है. वह हिंदी के महान लेखक थे और उन्होंने आधुनिक हिंदी गद्य लेखन की शुरुआत की थी. आज हम जिसे हिंदी कहते हैं, वह खड़ी बोली हिंदी का विकसित रूप है.

14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस : हर साल 14 सितंबर को भारत में राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन हिंदी भाषा का महत्व बढ़ाने और उसे सम्मान देने के लिए इसे मनाया जाता है. कहा जाता है कि 14 सितंबर 1953 में सबसे पहली बार इसे हिंदी दिवस के तौर पर इस दिन को मनाया गया था. यह फैसला प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिया गया था. जब भारत की पहली संविधान सभा ने 14 सितंबर 1950 को हिंदी को देश को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था. उस वक्त से यह परंपरा चली आ रही है. 26 जनवरी 1950 के दिन संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्रदान किया गया. उसके बाद से ही यह परंपरा चली आ रही है, जहां इस दिन स्कूल कॉलेज में हिंदी दिवस का आयोजन होता है, जिसमें निबंध लेखन, कविता, वाद विवाद, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताएं आयोजित होती है.

हिंदी भाषा से जुड़ी कुछ खास बातें जो हर हिंदी भाषी को जाननी चाहिए
1. दुनिया भर में 366 मिलियन लोगों द्वारा हिंदी भाषा बोली जाती है. यह पांचवीं सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा है.
2. अंग्रेजी ने हिंदी से बहुत से शब्द उधार लिए हैं.

3. 1881 में बिहार ने उर्दू को हिंदी के साथ अपनी एकमात्र अधिकारिक राज्य भाषा के रूप में बदल दिया. इस प्रकार बिहार हिंदी को अपने आधिकारिक भाषा का रूप में अपनाने वाला भारत का पहला राज्य बना.

4. हिंदी भाषा कोस में शब्दों की संख्या ढाई लाख से अधिक है. हर एक बात, क्रिया, भावना आदि को व्यक्त करने के लिए सैकड़ो शब्द है.

5. अंग्रेजी रोमन लिपि में कुल 26 वर्ण है, जबकि देवनागरी लिपि की हिंदी वर्णमाला में वर्णों की संख्या उसे दुगनी यानी की 52 है.

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