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भारत को मिला पहला C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन, 56 में से 40 प्लेन टाटा कंपनी भारत में करेगी निर्माण

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भारत एक नई दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है. हमारे देश के सैनिकों की क्षमता को बढ़ाने के लिए और मजबूती प्रदान करने के लिए कई तरह से सरकार कदम आगे बढ़ा रही है. उन्हीं में से एक कदम अब C- 295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन को लेकर लिया गया है, जिसके लिए यूरोपीय कंपनी के साथ करार हुआ है. सबसे खास बात यह है कि इस मिलिट्री ट्रांसपोर्ट की तकनीकी आधुनिकता सेना को मजबूती प्रदान करेगी और इससे दुश्मनों पर काबू करना और भी ज्यादा आसान हो जाएगा. इसके जरिए चीन की दुर्गम सीमा तक सैनिकों को पहुंचना आसान होगा. साथ ही हवा में भारत की ताकत बढ़ेगी. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर यह ट्रांसपोर्ट प्लेन बाकी प्लेन से अलग कैसे हैं और इसकी सबसे बड़ी खासियत क्या है.


यूरोपीय कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ C-295 ट्रांसपोर्ट प्लान के डील का परिचय
C-295 स्पेन के सेविले प्लांट में बनाया जा रहा है. वायु सेवा में इसका फाइनल इंडक्शन इसी महीने हिंडन एयर बेस पर होगा. दूसरा एयरक्राफ्ट मई 2024 तक आएगा. सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपीय कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ c295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए 21000 करोड रुपए की डील की थी. इसमें 56 प्लेन की मांग की गई थी जिसमें 16 प्लेन रेडी टू फ्लाई कंडीशन में स्पेन से आएंगे। बाकी के 40 प्लेन गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी बनाएगी. दरअसल टाटा एडवांस लिमिटेड गुजरात की वडोदरा में 2024 के मध्य तक इसे बनाना शुरू करेगी. फिलहाल फाइनल असेंबली लाइन का काम चल रहा है. कंपनी 2024 तक वायु सेवा को सभी 40 एयरक्राफ्ट सौप देगी. बताया जा रहा है कि इसे देश में बनाए जाने से करीब 15000 हाई स्किल्ड जॉब क्रिएट होंगे.केंद्र सरकार की मेक इन इंडिया के तहत यह पहला एयरोस्पेस प्रोजेक्ट होगा.

C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन की खासियत
इस विमान को दो लोग उड़ाते हैं. इसकी क्षमता 73 सैनिक की, 48 पैराट्रूपर्स, 12 स्टेटस इंटेंसिव केयर मेडवैक या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ चार मेडिकल अटेंडेंट की है. अधिकतम यह 9250 किलोग्राम वजन उठा सकता है. इसकी ऊंचाई 28.5 फीट है और लंबाई 80.3 फिट है. इसे टेक ऑफ करने के लिए 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला रनवे चाहिए और उतरने के लिए 420 मीटर की जगह. इसमें छे हार्ड बिंदु होते हैं यानी हथियार और बचाव प्रणाली लगाने की जगह. दोनों विंग के नीचे तीन तीन या फिर बोर्ड पाईलॉन्स हो सकते हैं, जिसमें 800 किलोग्राम के हथियार लगाए जा सकते हैं. यह लगातार 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है. लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में एयरक्राफ्ट ऑपरेशन के लिए यह काफी मददगार होगा. भारत सरकार ने सितंबर 2021 में 21935 करोड़ की कुल लागत पर 56 c- 295 विमान खरीदने के लिए एयरबस के साथ इस समझौते को अंतिम रूप दिया.

सी295 के 40 विमान का निर्माण भारत में ही मेक इन इंडिया के तहत टाटा कंपनी करेगी.

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