ओ तेरी..
मुमताज ने अपने सिपाहियों को मजबूत रखने के लिए बनवाई थी पहली बार बिरयानी, कहानी स्वादिष्ट जायके की
बिरयानी का नाम सुनते ही आपके मुंह में पानी आने लगता है और आपकी जीभ लपलपाने लगती है. ऐसा इसलिए क्योंकि बिरयानी का स्वाद इतना अनोखा होता है कि कोई भी अपने आप को इसे खाने से नहीं रोक पाता है. आज कई जगह पर बिरयानी इतना ज्यादा फेमस हो गया है कि वहां देश-विदेश के लोग भी बिरयानी खाने पहुंच रहे हैं, पर क्या आप जानते हैं की बिरयानी एक विदेशी फूड डिश है जो भारत आने के बाद अपने स्वाद की वजह से लोगों की पहली पसंद बन गई. एक वक्त था जब मुमताज ने अपने सिपाहियों को कमजोर देखकर उनकी मजबूती के लिए पहली बार बिरयानी बनवाई थी. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह बिरयानी में अनोखा स्वाद डाला जाता है और सबसे पहली बार बिरयानी दुनिया में कहां पर बनी थी.
मुमताज महल की बिरियानी
बिरयानी भारत का एक लोकप्रिय व्यंजन है जिसे दुनिया भर में पसंद किया जाता है. इसमें चावल, मसाले, मसूर दाल, मांस या अन्य तरह की सब्जियां होती है. बिरयानी अपनी खुशबू और स्वाद के लिए जानी जाती है. ताजी जड़ी बूटी केसर और बासमती चावल इसे एक मीठी फूलों वाली सुगंध देते हैं, जो इसे खाने से पहले ही आपके नाक में इसकी खुशबू चली जाती है. साबुत गरम मसाला, तले हुए प्याज इसमें इस्तेमाल होता है. इसमें इस्तेमाल होने वाले भारतीय मसाले इसकी स्वाद को दोगुना बढ़ा देते हैं, जिस कारण यह लोगों की जुबान पर उतर जाता है. सुगंधित बासमती चावल, सब्जी इसमें अलग स्वाद डालने का काम करती है. माना जाता है की बिरयानी की उत्पत्ति फारस में हुई थी और इसे मुगलों द्वारा भारत लाया गया.
बिरयानी जल्द ही बनाए जाने वाला पौष्टिक भोजन है. जब मुग़ल बादशाह शाहजहां की बेगम मुमताज महल ने अपने सैनिक छावनी का दौरा किया तो उन्हें सैनिक कमजोर दिखाई दिए. उन्होंने शाही बावर्ची से सैनिकों के लिए चावल गोश्त और मसाले की स्पेशल डिश बनाने के लिए कहा जो बिरयानी कहलाई. कहा जाता है कि तुर्क बादशाह तैमूर हिंदुस्तान में बिरयानी को लेकर आए. वहीं दूसरा तर्क यह भी बताया जाता है कि अरब के जो सौदागर दक्षिण भारतीय तट पर व्यापार के लिए उतरे वह अपने साथ बिरयानी की रेसिपी लेकर आए थे. इन बातों से यह जाहिर होता है कि बिरयानी का एक स्वाद मुगलों के जरिए भारत आया जिसका स्वाद आज लोगों की जुबान पर छाया हुआ है.
भारत के स्वादिष्ट मसाले के बिना अधूरी है बिरयानी, भारत के बिरयानी की महत्वता
बिरयानी के बारे में यह कहा जाता है कि यदि भारतीय मसाले का इसमें तड़का ना लगे तो यह अधूरी मानी जाती है. इसमें देसी घी, जायफल, जावित्री, काली मिर्च, लौंग, दालचीनी, बड़ी व छोटी इलायची, तेज पत्ता, धनिया और पुदीना के पत्ते, अदरक, लहसुन और प्याज सहित केसर डालने का प्रचलन भारत में ही हुआ जिससे इसका स्वाद जबरदस्त तरीके से निखरा. शाकाहारियों के लिए वेज बिरयानी का चलन शुरू हुआ जिसमें आलू, सब्जी, दाल आदि को मसाले के साथ जोड़ दिया गया. जब भी सबसे पसंदीदा बिरयानी की बात आती है तो हैदराबादी बिरयानी का नाम सबसे पहले आता है. इसमें विभिन्न संस्कृतियों का संगम है. यह अनेक खाद्य सामग्रियों को ग्रहण करने की अपनी क्षमता के कारण प्रसिद्ध हुआ. इसे पकाने का तरीका बेहद ही खास है. इसे हम हैदराबादी दम बिरयानी भी कहते हैं. इसे अच्छी क्वालिटी के चावल और चिकन के साथ तैयार किया जाता है, जिसकी स्वाद भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में लोकप्रिय है.