आज के समय में दुनिया में कई ऐसे देश है जो अपने अजीबोगरीब रहन-सहन और वेशभूषा के कारण पूरी दुनिया में प्रचलित है. इसमें सबसे पहला नाम जापान का आता है, जहां का खान-पान रहन-सहन पूरी तरह से अलग है. यूं ही नहीं जापान को अद्भुत और अनोखा देश कहा जाता है. यह एक ऐसा देश बन चुका है जहां पर रिश्तेदार भी भाडे़ पर मिलने लगे हैं. यह सुनकर आपको थोड़ा अजीब जरूर लग सकता है पर यह पूरी तरह सच है कि तकनीकी मामलों में सबसे विकसित माने जाने वाला जापान की दुर्दशा आज यह हो चुकी है कि उसे किराए पर रिश्ते खरीदने पड़ रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर जापान में इस तरह की प्रथा क्यों चल रही है और इसके पीछे की वजह क्या है.
तकनीकी मामलों में दुनिया का सबसे विकसित देश जापान का परिचय जापान इस दुनिया का 11वां सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है. टोक्यो इस देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है. यहां पर 125 मिलियन से ज्यादा लोग रहते हैं. जापान का 85% भाग पर पर्वतीय श्रेणी विस्तृत है जो टर्शियरी काल की है. चावल जापान का महत्वपूर्ण खाद फसल है, जहां पर तीन प्रकार के चावल पाए जाते हैं. इसका कुल क्षेत्रफल 37727 वर्ग किलोमीटर है. जापान की राष्ट्रभाषा जापानी एवं मुद्रा जापानी येन है. प्रशांत महासागर में स्थित इसकी सीमा चीन, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, रूस, ताइवान, जापान, ओखोटस्क सागर और पूर्वी चीन सागर से लगती है.
जापान के लोगों के पास परिवार बनाने का भी समय नहीं : जापान के लोगों में काम के प्रति बहुत ज्यादा दीवानगी होती है. वह खुद को बहुत व्यस्त रखते हैं. ऐसे में उनके पास अपने रिश्ते के लिए युवावस्था में विशेष तौर पर परिवार के लिए समय नहीं होता है. इसके अलावा बूढ़े होते ही जनसंख्या और ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि लोगों को एक दूसरे से और दूर कर रही है. ऐसे में अकेलापन दूर करने के प्रयास लोग करते रहते हैं. यहां पर स्थिति इतनी गंभीर है कि किराए पर दोस्त और पिता को लेकर अपने काम किए जाते हैं. कुछ घंटे के लिए दोस्त को किराए पर लेकर उनके साथ थोड़ी सी बातचीत की जाती है और कुछ वक्त बिताया जाता है. इतना ही नहीं यहां रोमांटिक साथी भी किराए पर मिलते हैं. किराए के पति पत्नी जिन्हें बच्चों के साथ कहीं आमंत्रण पर जाना होता है तो वह भी व्यवस्था यहां पर उपलब्ध है. लोगों की पसंद- नापसंद का ख्याल रखा जाता है और यहां तक की भावनात्मक सामग्री तक विकल्पों के तौर पर दी जाती है.
पैसा कमाने के दौर में सामाजिक बनावट को नहीं तोड़ना चाहिए, इससे देश और समाज कमजोर होता है अपनी मूल जरूर को पूरा करने के लिए लोग रिश्ते तो खरीद रहे हैं, लेकिन यह कई समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है. 2040 तक जापान में 40% से भी ज्यादा घरों में एक ही व्यक्ति रह जाएगा और वह भी शादी की औसत उम्र पार कर चुका होगा. अधिकांश लोगों के पास परिवार के नाम पर बुढे़ हो चुके माता-पिता ही है जिससे देश में परिवारों की मूल्य और समस्याएं बढ़ती जा रही है. दरअसल इसकी वजह यह है कि जापान में समस्याएं भी कम नहीं है. यह कम जनसंख्या वृद्धि वाला देश है और वह भी ऋणात्मक हो चुकी है. वहां बुजुर्ग बहुत ही ज्यादा रह गए हैं. जनसंख्या वितरण इतना ज्यादा है कि कुल मिलाकर देखा जाए तो जापान में पारिवारिक मूल खत्म होते जा रहा है और परिवार के होने के अलावा किराए के रिश्तेदार कभी इसका समाधान नहीं हो सकते हैं.