एक ऐसा शख्स जो आर्थिक तंगी से जूझने के कारण कनाडा जैसे देश में अपना पेट पालने जाता है, पर वहां वह एक ऐसा रास्ता चुन लेता है जो उसे मौत के द्वार पर जाकर पहुंचा देती है. हम बात कर रहे हैं खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की जो कभी प्लंबर का काम करने के लिए कनाडा में गए थे, लेकिन अचानक उनके दिलचस्पी बदली और वह सख्स खालिस्तानी सरगना बन गया. आज हम आपको बताएंगे किस तरह वह कनाडा पहुंचा और किन बड़ी-बड़ी गतिविधियों में उसकी मौजूदगी रही. इतना ही नहीं उसकी खालिस्तानी गतिविधियों के बाद किस प्रकार उसका अंत हुआ, हम इस बात का भी जिक्र करेंगे.
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का परिचय : हरदीप सिंह निज्जर पंजाब के जालंधर जिले का रहने वाला था. वह 1996 में कनाडा चला गया था. उसने कनाडा में कथित तौर पर प्लंबर का काम भी किया था. धीरे-धीरे उसकी पहचान कनाडा के सिख समुदाय में एक नेता के तौर पर होने लगी. इसके बाद उसे ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे शहर में गुरु नानक गुरुद्वारा का निर्विरोध प्रमुख चुन लिया गया. इसी के बाद वह कनाडा में एक बड़े सिख नेता के तौर पर प्रसिद्ध हो गया. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर वह कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों को अंंजाम देने लगा. उसने कनाडा में कई हिंदू मंदिर पर भी हमले की साजिश रची थी. वह पाकिस्तान में छिपे हुए खालिस्तानी आतंकी से भी मिला करता था. हरदीप ने दिसंबर 2015 में ब्रिटिश कोलंबिया के मिसजेन हिल्स में खालिस्तान उग्रवादियों के लिए एक ट्रेनिंग कैंप भी लगाया था. इस दौरान खालिस्तान समर्थक उग्रवादियों को छोटे हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी. निज्जर पर 2022 में पंजाब के जालंधर में एक हिंदू पुजारी की हत्या की साजिश रचने का आरोप था. इसके बाद उस पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया. इतना ही नहीं इससे पहले 2014 में इसने आध्यात्मिक नेता बाबा भानियारा की हत्या की साजिश रची.
2023 के जून महीने में उसकी मौत की कहानी लगातार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में रहने वाले हरदीप सिंह जैसे मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी की कनाडा में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके ऊपर भारत विरोधी षड्यंत्र में शामिल होने के कई आरोप थे. 18 जून 2023 को हरदीप सिंह की ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर अज्ञात हमलावरों द्वारा हत्या कर दी गई. हालांकि अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि आखिर इस हत्याकांड को किसने अंजाम दिया है और क्यों. कनाडा में इस वक्त बढ़ती महंगाई और खालिस्तानियों के लिए सरकार की नरमी देखने को मिल रही है. भारत भी लगातार चरमपंथियों को पनाह देने के लिए कनाडा सरकार को घेरता रहा है. इन सब से छुटकारा पाने के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने इस घटना के लिए भारत को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. लेकिन इसका कोई फायदा नहीं निकला उल्टे ऐसी संभावनाएं बन रही हैं कि कहीं पाकिस्तान की तरह कनाडा भी पूरी दुनिया से अलग तलक ना पड़ जाए.