80- 90 के दशक में मुंबई में माफिया राज कायम था. उस वक्त अंडरवर्ल्ड का अपराधी माया डोलस को लोग माया भाई के नाम से जानते थे. वह पहले अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के लिए काम करता था लेकिन एक वक्त ऐसा आया, जब दाऊद इब्राहिम माया भाई के खिलाफ हो गया और उसके एनकाउंटर के लिए दाऊद इब्राहिम ने पुलिस को टिप तक दे दी थी. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह माया डोलस ने दाऊद इब्राहिम के साथ अंडरवर्ल्ड की दुनिया में कदम रखा और ऐसा क्या हुआ कि दाऊद इब्राहिम से बगावत के बाद उसे पुलिस द्वारा मार गिराया गया. उसके मौत के बाद उसके जीवन पर एक मशहूर फिल्म बनी थी जिसका नाम शूटआउट एट लोखंडवाला है.उस दौर में माया डोलस कई बड़े-बड़े अपराधों में नामजद था जिसकी तलाश पुलिस को थी.
दाऊद इब्राहिम का खास गुर्गा और अंडरवर्ल्ड का सरगना माया डोलस का परिचय माया डोलस का पूरा नाम महेंद्र विठोबा डोलास था और उसका जन्म 15 नवंबर 1966 को मुंबई में हुआ था. किशोरावस्था में वह छोटे-मोटे झगड़े में हमेशा शामिल हुआ करता था, लेकिन 1980 में जब उसने अशोक जोशी का गैंग ज्वाइन किया तो बड़े-बड़े अपराधों में शामिल हो गया। माया डोलस ने अपनी पढ़ाई आईटीआई मुंबई से पूरी की थी. आलोक जोशी के रंगदारी के धंधे में जुड़ने के बाद वह दाऊद इब्राहिम के डी कंपनी के लिए काम करने लगा था. 90 के दशक के दौरान माया डोलस और उसके गैंग में शामिल गैंगस्टर का आतंक पूरी तरह मुंबई में फैल गया था. शुरुआती दिनों में उसने कंजूर गांव में अपराधी राजनेता अशोक जोशी के लिए कई सफल जबरन वसूली रैकेट चलाएं.
ऐसा क्या हुआ कि दाऊद इब्राहिम से हो गई बगावत : 16 नवंबर 1991 की सुबह बांद्रा वेस्ट की पुलिस दफ्तर में सन्नाटा पसरा हुआ था, तभी फोन की घंटी बजी. आफताब अहमद खान ने फोन उठाया. कुछ देर हां हूं करने के बाद उन्होंने फोन रख दिया. उन्हें यह टिप मिली थी कि दिलीप बुआ, जिसने मुंबई में तहलका मचा रखा है, वह लोखंडवाला की एक इमारत में देखा गया है. इस परिसर को पुलिस ने चारों तरफ से घेर लिया. उस समय पुलिस टीम की कमान आफताब अहमद के पास थी. माना जाता है कि उस समय दाऊद ने इस एनकाउंटर के लिए टिप दी थी और इसका सबसे बड़ा कारण था माया का दाऊद के ऑर्डरों को नजर अंदाज करना. माया खुद को इतना बड़ा गैंगस्टर करने लगा था कि वह अब दौड़ के अंदर रहकर काम नहीं करना चाहता था. यह बात अंडरवर्ल्ड के नंबर वन डॉन दाऊद इब्राहिम को नागवार गुजरी और उसने माया और उसके गुरुओं का गेम सेट कर दिया. आपको बता दें कि माया डोलस का नाम तब सबके सामने आया जब उसने अरुण गवली के भाई पापा गवली की हत्या कर दी थी. उसके बाद तो मानो उसने अपराध की लड़ी लगा दी. कई हाई प्रोफाइल किडनैपिंग और रंगदारी की घटना को उसने अंजाम दिया. इतना ही नहीं 1993 के मुंबई बम विस्फोट और कई हाई प्रोफाइल मामले मे डोलस का नाम शामिल था.