सर पर टोपी, गले में स्कार्फ और बोलने का एक अलग ही अंदाज जिससे लोग दीवाने हो जाए. देव आनंद को परिभाषित करने के लिए बस कुछ ही लाइनें काफी है. उनके बात करने की शैली जिस तरह वह सिर हिला कर अपनी बातों को रखते थे, वह शायद आज कई दशकों बाद भी लोगों के दिमाग से नहीं उतर पाया है. वह एक ऐसे कलाकार थे जो लोगों के दिल में अपनी एक अलग जगह बना चुके थे. एक वक्त तो ऐसा आया कि कोर्ट द्वारा उन्हें सार्वजनिक रूप से काला कोट पहनने पर रोक लगा दिया गया. इतनी सफलता और अचीवमेंट हासिल करने के बावजूद भी देव आनंद की प्रेम कहानी पूरी नहीं रह पाई हो पाई. आज हम आपको देव आनंद की जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातें बताएंगे जिससे आप पूरी तरह अनजान है.
देव आनंद का परिचय देव आनंद का जन्म 26 सितंबर 1923 को शंकरगढ़ गुरदासपुर पंजाब में हुआ था, जो इस समय पंजाब पाकिस्तान में है. उनका पूरा नाम धर्मदेव आनंद था, लेकिन बच्चे उन्हें डीडी कहकर बुलाते थे. लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से देव आनंद ने बीए की पढ़ाई की जिसके बाद उन्होंने मुंबई का रुख किया. 1940 के आखिर में देव आनंद को सुरैया के साथ एक फिल्म में ब्रेक मिला. यह महिला प्रधान फिल्म थी. ये फिल्म ‘हम एक है’ थी. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली लेकिन देव आनंद को इसकी मेकिंग के दौरान गुरु दत्त के रूप में दोस्त जरूर मिल गया था. यहीं से तय हो गया था कि जो पहले फिल्म डायरेक्शन में हाथ आजमाएगा वह दूसरे को अपनी फिल्म में मौका देगा. 1948 में जिद्दी आई जो देव आनंद के करियर की पहली हिट मूवी साबित हुई. इसके बाद उन्होंने हरे रामा हरे कृष्णा, बनारसी बाबू, हीरा पन्ना, आनंद और आनंद, सांचे का बोलबाला, अव्वल नंबर, 100 करोड़, चार्ज शीट, टैक्सी ड्राइवर, इंसानियत, मुनीम जी, सीआईडी, पॉकेटमार, जॉनी मेरा नाम जैसी कई सुपरहिट फिल्में की.
काले कोट की कहानी और अधूरा पहला प्यार देव आनंद की सुपरहिट फिल्म काला पानी के बाद उन्हें न्यायालय द्वारा काले रंग के सूट पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. जब भी वह सर्वाजनिक रूप से काले रंग का सूट पहनकर बाहर निकलते थे तब लड़कियां उन्हें देखकर पागल हो जाती थीं. कुछ लड़कियां तो ऊंची- ऊंची इमारत से कूद कर अपनी जान देती चुकी हैं. वहीं कुछ का हाल इतना बुरा था कि वह उन्हें खून से चिट्टियां लिखकर भेजा करती थीं. इस वजह से उन्हें कोर्ट ने मना कर दिया था. * यह 1948 की बात है जब देव आनंद और सुरैया के रिश्ते की चर्चा हर तरफ थी. दोनों लगभग कई सालों तक एक दूसरे के करीब रहे थे, लेकिन सुरैया की नानी को यह रिश्ता मंजूर नहीं था. सुरैया ने पूरी जिंदगी शादी नहीं की. दोनों ने अपने रिश्ते को खुलेआम स्वीकार किया था, पर कभी एक नहीं हो पाए. वजह यह थी कि सुरैया मुस्लिम थी और देव आनंद हिंदू थे, जिस वजह से दोनों कभी एक नहीं हो पाए.
देव आनंद के जीवन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें 1. देव आनंद ने जो पहली गाड़ी खरीदी थी उसका नाम हिलमैन मिक्स था. उन्होंने यह गाड़ी सुरैया के साथ की गई फिल्म ‘विद्या’ के पैसे से खरीदी थी.
2. जब इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में आपातकालीन लगाया था उसे वक्त देव आनंद ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इसका विरोध किया था.
3. देव आनंद ने 1966 में प्यार मोहब्बत में मोहम्मद रफी के साथ गाना गाया है.
4. देव आनंद चार बार फिल्मफेयर अवार्ड जीत चुके हैं, जिन्हें 2001 में पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया.