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एक ऐसा ग्रंथ जिसे पढ़ कर आप पृथ्वी के किसी भी जीव से कर सकते हैं बात, कहानी एक शापित ग्रंथ की

किस्सा- कहानी

एक ऐसा ग्रंथ जिसे पढ़ कर आप पृथ्वी के किसी भी जीव से कर सकते हैं बात, कहानी एक शापित ग्रंथ की

आपने अपने जीवन में कई ऐसे ग्रंथ के बारे में सुना होंगा जिसे पढ़ने के बाद आपकी बुद्धि विवेक में काफी फर्क आता है और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन नजर आते हैं, पर क्या आपने एक ऐसे ग्रंथ के बारे में सुना है जिसे पढ़ने के बाद या तो व्यक्ति पागल हो जाता है या वह मर जाता है, पर जो इस ग्रंथ को पूरी तरह पढ़ लेता है वह इतना बलवान हो जाता है कि उसकी हर इच्छा पूरी हो जाती है. आज हम एक ऐसे ही ग्रंथ के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके माध्यम से आप पृथ्वी के किसी भी जीव से बात कर सकते हैं और तरह-तरह की कलाए भी सीख सकते हैं, पर अचानक कुछ ऐसा हुआ कि ग्रंथ को हमेशा के लिए भारत में बैन कर दिया गया .

नीलावंती ग्रंथ का परिचय
नीलावंती ग्रंथ एक प्राचीन हिंदी ग्रंथ है जिसे 1773 में लिखा गया था. सबसे पहले इसकी रचना कन्नड़ भाषा में हुई थी जो कि पेड़ के पत्तों पर लिखी गई थी. बाद में विद्वानों द्वारा इसे संस्कृत रूप में लिखा गया जो कई मिथको और अफवाहों से घिरा हुआ है. कहा जाता है इस ग्रंथ को बहुत कम ही लोग समझ पाते हैं और जो समझ लेता है वह बलशाली बन जाता है. कई जगहों पर यह बताया गया है कि इस ग्रंथ को मुंशी भवानी दास द्वारा लिखा गया है जिसमें तंत्र-मंत्र, ज्योतिष, रोग निदान, आयुर्वेद, वास्तु, देवज्ञान, समुद्र विज्ञान, यात्रा रन निपुणता और अन्य विषयों पर चर्चा की गई है. वहीं कई अन्य जगहों पर यह बताया गया है कि इस ग्रंथ को एक नीलावंती नाम की यक्षिणी ने लिखा था, लेकिन लिखने के बाद किसी कारणवश श्राप दे दिया था. जो व्यक्ति इस ग्रंथ को बुरी नीयत से पढे़गा उसकी मृत्यु हो जाएगी, जो भी व्यक्ति इसे अधूरा पढे़गा वह पागल हो जाएगा. उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाएंगा. इस ग्रंथ में जानवरों और पेड़ पौधों से बातचीत करने का तरीका बताया गया है. किस तरह भूत पिचास से बात करें और गडे़ हुए खजाने के बारे में पूरी जानकारी दी गई है.

भारत में यह ग्रंथ क्यों है बैन
भारत में इस नीलावंती ग्रंथ पर बैन लगाया गया है. कहा जाता है कि शापित होने के कारण इसे भारत में बैन कर दिया गया है. इसके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इसे बैन किया गया. यह पढ़ना बहुत खतरनाक साबित होता है जिसके बारे में जिन भी लोगों ने इसे पढ़ने की कोशिश की या तो वह मर गए या फिर पागल हो गए. यह कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं है.

इस ग्रंथ से जुड़ी कुछ रहस्यमई बातें
1. कहा जाता है कि जो भी इस ग्रंथ को पढ़ता था, वह भविष्यवक्ता बन जाता था जिसे भविष्य की घटनाओं के बारे में पहले से पता होता था.

2. इस किताब को जो पढ़ लेता था वह व्यक्ति पशु पक्षियों से बात करने लगता और उसकी भाषाओं को आसानी से समझ कर समय आने पर अपने काम को निकलवा सकता था.

3. इस ग्रंथ में डेढ़ सौ पन्ने छपे हुए हैं जिसे पढ़ पाना किसी के लिए भी आम बात नहीं है.

भारत में बैन है यह ग्रंथ.

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