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भारत में सबसे अमीर है केरल में स्थित भगवान विष्णु का यह मंदिर, रहस्यमय है इसका सातवां दरवाजा

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भारत में आपने कई ऐसे मंदिरों के दर्शन किए होंगे जो अपनी भव्यता और कई रहस्यमई कारणों की वजह से हमेशा चर्चा में रहता है. इसी में भारत का एक ऐसा मंदिर शामिल है जिसे भारत का सबसे अमीर मंदिर होने का गौरव प्राप्त है. इस मंदिर में करोड़ो रुपए, सोने- हीरे के आभूषण और ऐसी चीज पाई गई हैं जिससे पहले शायद भारत के किसी भी मंदिर में ऐसा नजर नहीं दिखा है. हम बात कर रहे हैं केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर के बारे में जिसके कदम- कदम पर आपको अद्भुत नजारों का अनुभव होता है. यहां पर जो सातवां दरवाजा है वह आज भी एक बहुत बड़ा रहस्य बनकर रह गया है.  आज हम आपको बताएंगे कि इस मंदिर में क्या खास है और किस वजह से इस मंदिर को भारत का सबसे अमीर और धनी मंदिर कहा जाता है.

पद्मनाभस्वामी मंदिर श्री हरि विष्णु मंदिर का परिचय
केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जो पूरी दुनिया में अपनी अनोखे रहस्य के कारण प्रसिद्ध है. इस मंदिर को विष्णु के प्रमुख मंदिरों के साथ-साथ भारत के सबसे धनी मंदिरों में से भी एक माना जाता है. इस जगह पर भगवान विष्णु की स्वयंभू प्रतिमा प्राप्त हुई थी जिसके बाद यहां मंदिर का निर्माण करवाया गया. इस मंदिर को द्रविड़ शैली में बनाया गया है जिसमें भगवान विष्णु शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान है. इस मंदिर की स्थापना 5000 साल पहले कलयुग के प्रथम दिन हुई थी लेकिन 1773 में त्रावणकोर के राजा मार्तंड वर्मा ने इसका पूर्ण निर्माण करवाया था. यहां पर पद्मनाभस्वामी मंदिर में कुल सात दरवाजे हैं. अभी तक 6 दरवाजे को खोला गया है जिसमें से करीब 1 लाख 32 हजार करोड रुपए का खजाना भारत सरकार को प्राप्त हुआ है. भगवान विष्णु का श्रृंगार शुद्ध सोने के भारी भरकम आभूषणों से किया जाता है. बताया जाता है कि इस मंदिर मे A,B,C,D,E,F और G नाम के सात कक्षा है जिनमें से 6 को खोला जा चुका है. इस मंदिर का सातवां दरवाजा आज भी एक बहुत बड़ा रहस्य बना हुआ है. मंदिर के इस दरवाजे पर कोई ताला नहीं लगा है फिर भी उसे आज तक कोई नहीं खोल पाया

इस मंदिर से जुड़ी  प्रमुख बातें
1. कहा जाता है कि मंदिर के नीचे पांच तहखाना बने हुए हैं. बीते दिनों इस मंदिर के कुछ तहखानों में से लगभग 2200 करोड डॉलर अनमोल हीरे सोने के भंडार और प्राचीन मूर्तियां पाई गई थी.

2. मंदिर में प्रवेश करने के लिए पुरुषों के लिए धोती और स्त्री के लिए साड़ी पहनना अनिवार्य है.

3. इस मंदिर में एक स्वर्ण स्तंभ बना हुआ है जिसकी सुंदरता निराली है. मंदिर का स्वर्ण चरित्र गोपुरम 7 मंजिल का 35 मीटर ऊंचा है.

4. इस मंदिर के बाहर पवित्र सरोवर है जिसे पद्मनाभ तिर्थ कहते हैं.

5. आज तक इस मंदिर को सरकार ने अपने कब्जे में नहीं लिया. इसे त्रावणकोर के शाही परिवार के पास ही रहने दिया गया.

मंदिर की छटा भक्तों का मन मोह लेती है

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