गरम मुद्दा
गाजापट्टी को भारी पड़ेगा इजराइल पर हमला करना, अपने दुश्मनों को चुन-चुन कर खत्म करता है इजराइल
पिछले कुछ वर्षों में गांजा पट्टी लगातार घमासान का केंद्र रहा है. एक जमाने में वह इजरायल के नियंत्रण में था लेकिन पिछले एक दशक से इसपर फिलिस्तीन अथॉरिटी का शासन है और इसे हमास संचालित कर रहा है. इस वक्त इजराइल पर हमला करके गाजापट्टी ने खुद की मुश्किलें बढ़ा दी है. अब इजरायल के प्रधानमंत्री ने युद्ध का बिगुल बजा दिया है और अब गाजापट्टी की बर्बादी तय है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर दोनों के बीच तनातनी का इतिहास क्या है और किस वजह से हर बार इजराइल को नुकसान उठाना पड़ता है.
आज इजराइल पर हुए गाजापट्टी द्वारा हमले का परिचय
गाजापट्टी इजरायल के दक्षिण पश्चिम में स्थित एक 6 से 10 किलोमीटर चौड़ी और 45 किलोमीटर लंबा क्षेत्र है, जिसके तीन ओर इजराइल का नियंत्रण है और दक्षिण में मिस्त्र है. आज सुबह दक्षिण और मध्य इजराइल में हमास ने कई रॉकेट दागे हैं, जिसमें अब तक कम से कम 22 इजराइली मारे गए और 250 से अधिक लोग घायल है. हमास ने 20 मिनट में 5000 रॉकेट दागे और इजराइल में घुसपैठ की. साथ ही कुछ सैन्य वाहनों पर कब्जा कर लिया. इसके साथ ही आतंकियों ने कई लोगों को बंधक भी बना लिया है. इजरायली सेना ने 1 घंटे से अधिक समय तक देश के दक्षिण और मध्य क्षेत्र में सायरन बजाते हुए चेतावनी जारी की. फिलहाल लोगों को घर में रहने की हिदायत दी गई है. इस हमले के दौरान अलर्ट करने वाले सायरन की ध्वनि लगभग 70 किलोमीटर दूर उत्तर में देश की आर्थिक एवं सांस्कृतिक राजधानी तेल अवीव तक सुनाई दी.
इस पूरी घटना के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री नेतनयाहू ने बहुत बड़ा बयान दिया है और कहा है कि हम युद्ध में उतर गए हैं. यह कोई ऑपरेशन नहीं है. हमास ने इजराइल और उसके नागरिकों के खिलाफ जानलेवा हमला किया है. मैने सबसे पहले घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की बस्तियों को साफ करने का आदेश दिया है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर हथियार जुटाने के लिए कहा है. दुश्मन को ऐसी कीमत चुकानी पड़ेगी जिसके बारे में उसने कभी नहीं सोचा होगा.
इजराइल और गाजापट्टी के हमास आतंकवादी गिरोह के बीच दुश्मनी की कहानी
गाजापट्टी एक छोटा सा फिलिस्तीनी क्षेत्र है. फिलिस्तीन अरबी और बहु संख्यक मुस्लिम बहुल इलाका है. इस पर हमास द्वारा शासन किया जाता है जो इजरायल विरोधी आतंकवादी समूह है, क्योंकि फिलिस्तीन और कई अन्य मुस्लिम देश इजराइल को यहूदी राज्य के रूप में मानने से इनकार करते हैं, तो दूसरा गाजापट्टी पर अधिकार को लेकर भी बड़ा विवाद है. 2005 में हमास ने खुद को हिंसा से अलग किया जिसका गठन 1987 के जन आंदोलन के दौरान शेख अहमद यासीन ने किया था. इसका मुख्य उद्देश्य इजरायली कब्जे से सिर्फ फ़लीस्तीनी क्षेत्र को छुड़ाकर इस्लामी देश की स्थापना करना था. हमास के मुख्य रूप से दो धड़े हैं. पहले राजनीति और दूसरा सशस्त्र गुट. समाज के राजनीतिक इकाई ने गाजापट्टी और वेस्ट बैंक इलाके में कई अस्पताल और स्कूल बनवाए हैं. हमास के सशस्त्र विंग अपनी स्थापना के बाद से ही इजराइल को निशाना बनाती आई है. यही वजह है कि इजराइल को बड़े पैमाने पर जनहानि भी उठानी पड़ती है.