हमास और इजरायल के बीच जंग जारी है, जहां सबसे पहले इसकी शुरुआत हमास द्वारा की गई थी. जब इजराइल पर हमला किया गया था तब हमास ने लड़के हवाई, जमीन और समुद्र के रास्ते से इजराइली सीमा में घुसकर तहलका मचाया था, जहां एक के बाद एक बम और रॉकेट दागे जा रहे थे, पर इस बीच सुपर पावर अमेरिका की एंट्री ने हर किसी को चौंका दिया है. अमेरिका जो इजराइल का जिगरी दोस्त माना जाता है अब उसने अपनी दोस्ती का प्रमाण दे दिया है. इजरायल की मदद के लिए अमेरिका ने समुद्र में USS जेराल्ड फोर्ड को तैनात कर दिया है. आज हम आपको बताएंगे कि इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में अमेरिका किस तरह महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है और इसके प्रभाव क्या-क्या होंगे.
इजराइल और हमास के जंग में क्यों उतरा अमेरिका हमास और इजरायल के बीच जंग का आज चौथा दिन हो गया है, जहां हमास द्वारा हमले के बाद इजरायल ने भी ताबर तोड़ बमबारी करनी शुरू कर दी है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कर कहा है कि वह उसके साथ खड़े हैं. इजराइल और हमले से कई अरब देश गुस्से में उबल रहे हैं. बगदाद समेत कई शहरों में इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी हो रही है और ग़ाज़ापट्टी में शांति बहाली के लिए विरोध प्रदर्शन होने लगे हैं. इस वक्त देखा जाए तो इराक, ईरान, मिस्र, सीरिया, तुर्की, कतर और लेबनान समिति कई अरब देशों ने इजरायल के खिलाफ आवाज उठा दी है, जो फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए इजराइल को चेतावनी दे रहे हैं. बताया कि हम फिलिस्तीन के लोगों को उनकी जमीन पर हकों का समर्थन करते हैं. उनका हक है कि वह सम्मान और गरिमा के साथ रह सके. दरअसल कांग्रेस का यह बदला स्टैंड उसकी ही केरल यूनिट के एतराज के बाद सामने आया. कांग्रेस ने जब इजराइल पर हमले की निंदा की तो उसका केरल कांग्रेस से विरोध उठा था. केरल कांग्रेस के नेता ने इसे गलत बताया. दरअसल केरल में बड़ी मुस्लिम आबादी है जो उसे सपोर्ट करती है जिस वजह से पार्टी के बदले रूप को उससे नुकसान हो सकता था, इसलिए कांग्रेस ने यू टर्न मारा.
USS जेराल्ड फोर्ड का परिचय हमास और इजरायल के युद्ध के बीच अमेरिका ने अब मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. अमेरिका ने इसराइल को गोली बारूद और हाईटेक हथियारों की खेप भी भेजनी शुरू कर दी है. इसके अलावा अमेरिका ने अपने सबसे बड़े नौ सैनिक बेड़े USS गेराल्ड फोर्ट को पूर्वी भूमध्यसागर में भेजा है और अपनी सबसे बड़ी फायर पावर को भी इजरायल के पास तैनात करने का फैसला लिया. अमेरिका के इस लड़ाकू विमान पर तिकोनदेरेगा मिसाइल क्रूजर और आर्ग ब्रकल के चार मिसाइल डिस्ट्रॉयर तैनात है. इसी बेडे़ पर रसद सप्लाई करने वाला शिप भी है. इसके अलावा पानी के अंदर दुश्मनों की पहुंच रोकने के लिए परमाणु पनडुब्बी भी इस बेड़े में शामिल है. अमेरिकी बेड़े को देखकर कोई भी दुश्मन सामने ना टिक पाने के लिए मजबूर हो जाता है. यही संदेश इजराइल हमास जंग में भी अमेरिका देना चाह रहा है कि कोई भी देश उसके पास आने की हिम्मत ना करें. अमेरिका के इस युद्ध पोत के पास किसी भी हिस्से में पहुंचने की क्षमता है. इस पर एक साथ 39 सैनिक तैनात किए जा सकते हैं जिस पर 90 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं. इसके बाद माना जा रहा है कि अमेरिकी बेडे़ की तैनाती से भूमध्य सागर में युद्ध सा नजरा उत्पन्न हो सकता है.