Connect with us

मारकोनी के हाथ यूं ही नहीं लगा था बटेर, रेडियो के आविस्कार ने छोटी कर दी दुनिया

ओ तेरी..

मारकोनी के हाथ यूं ही नहीं लगा था बटेर, रेडियो के आविस्कार ने छोटी कर दी दुनिया

आज भले ही हम टीवी और स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते  है पर जब हम अपने घर के बड़े दादा या नाना से पूछेंगे तो उन्हें वह दौर जरूर याद होगा, जब रेडियो का जमाना था. उस वक्त किसी के घर में रेडियो होना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात थी. शुरुआत में इसका इस्तेमाल केवल सेना के लोग करते थे लेकिन धीरे-धीरे यह लोगों के लिए आम बनता गया. यह उस वक्त की बात है जब टीवी और मोबाइल नहीं हुआ करती थी, पर क्या आप जानते हैं कि लोगों के अंदर मनोरंजन की ललसा जगाने वाली रेडियो का आविष्कार किसने किया था और इसके पीछे किसकी मेहनत है. आज हम आपको बताएंगे किस तरह रेडियो के आविष्कार ने दुनिया को छोटा करके रख दिया है और आज किस प्रकार हम इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. साथ ही साथ इस रेडियो के आविष्कार ने पूरी दुनिया में एक अलग ही क्रांति ला दी जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी.

गुग्लिल्मो मार्कोनी का संपूर्ण परिचय
मार्कोनी का जन्म 25 अप्रैल 1874 को इटली के बोलोग्ना में हुआ. उनके पिता एक जमींदार थे, जिन्होंने अपने से 21 साल छोटी एक स्त्री से भाग कर विवाह कर लिया था. इसी स्त्री ने मार्कोनी का 5 वर्ष की उम्र से पालन पोषण किया. उन्होने प्रारंभिक पढ़ाई बोलोग्ना में और तकनीकी पढ़ाई लेघोर्न के तकनीकी विद्यालय में पूरी की, जहां उन्होंने भौतिक शास्त्र के सिद्धांतों का अध्ययन किया. मारकोनी बचपन से ही कई प्रकार के प्रयोग में लगे रहते थे और उनकी मां का उन्हें भरपूर सहयोग मिलता था. उन्होंने अपने घर के ऊपरी हिस्से में प्रयोगशाला बनाकर रखी थी. 20 साल की उम्र में ही उन्होंने रेडियो तरंगों के साथ प्रयोग करना शुरू कर दिया था.  1895 के मध्य तक मारकोनी ने एक रेडियो और रेडियो एंटीना विकसित किया था, जो रेडियो थियेटर को बाहरी प्रसारण करने में सक्षम था, लेकिन केवल मिल की दूरी तक ही सीमित था, जो कि प्रतिशत भौतिक विज्ञान ओलिवर लॉज द्वारा पहले पैमाने की अधिकतम संभव दूरी थी. इसके बाद मार्कोनी ने जल्द ही अपने रेडियो के प्रसारण की सीमा को दो मील तक बढ़ा दिया और पहला पूर्ण व्यावसायिक रूप से सफल लीडर सिस्टम बनाने के लिए ज्ञान की तलाश करनी शुरू कर दी. इसके बाद वह इंग्लैंड चले गए. इंग्लैंड जाने के बाद उन्हें सफलता मिली. यहां आकर उन्होंने धीरे-धीरे अपने रेडियो ट्रांसमीटर की सीमा का विस्तार जारी रखा और वर्ष के अंत तक उन्हें सफलता मिली. मारकोनी ने नील ऑफ व्हाइट पर एक रेडियो स्टेशन बनाया था जिसने क्वीन विक्टोरिया को अपने बेटे एडवर्ड के साथ संवाद करने की अनुमति दी थी और यहीं पर आकर रेडियो साइंटिस्ट बनने का सपना पूरा हुआ.


उनके 3 अन्य अविष्कार
1. मैग्नेटिक डिटेक्टर– ये प्रारंभ रेडियो तरंग डिटेक्टर थे जिसका उपयोग 20वीं सदी के अंत के आसपास वायरलेस टेलीग्राफी युग के दौरान मोर्स कोड संदेश प्राप्त करने वाले कुछ पहले रेडियो रिसीवर में किया गया था. इसका इस्तेमाल प्रसिद्ध जहाज के डूबने के दौरान मदद बुलाने के लिए किया जाता था.

2. वायरलेस टेलीग्राफी– इसके तहत टेलीग्राफ स्टालो का प्रसारण किया जाता था. लगभग 1910 से पहले टेलीग्राफी शब्द का उपयोग नाम के बिना टेलीग्राफ सिग्नल प्रसारित करने के अन्य मानक निर्धारण के लिए भी किया गया था. वीडियो टेलीग्राफ में सूचना दो अलग-अलग लंबाई की रेडियो तरंगो द्वारा प्रसारित की जाती थी जिसे डॉट कहा जाता था जो आमतौर पर मोर्स में पाठ संदेश का उच्चारण करते हैं.

3. मोनोपाँल एंटीना- यह मार्कोनी का पहला ट्रांसमीटर आविष्कार था जिसमें एक मोनोपाँल एंटीना शामिल था. इसमें एक ऊंची तांबे की सीट शामिल थी जिसका आविष्कार 1895 में किया गया था.

अपने परिवार के साथ मारकोनी

आगे पढ़ें
You may also like...

journalist

More in ओ तेरी..

To Top