हिंदू धर्म में कई ऐसे मंदिर है जिसका अपना अलग ही विशेष महत्व है, जहां पर हर रोज दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ जुटी हुई होती है. भगवान शिव के तो दुनिया के कोने-कोने में कई ऐसे मंदिर हैं पर इस बीच माता पार्वती का एक ऐसा मंदिर है जिसकी चर्चा इस वक्त काफी हो रही है. यहां पर आम जनता के साथ-साथ देश के प्रधानमंत्री भी पूजा कर चुके हैं. हिंदू धर्म में पर्वती कुंड को विशेष स्थान प्राप्त है. पीएम मोदी पिथौरागढ़ के पार्वती कुंड में जब से पहुंचकर वहां पर पूजा अर्चना करते नजर आए हैं तब से इसकी लोकप्रियता और भी ज्यादा बढ़ चुकी है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर पर्वती कुंड का महत्व क्या है और किस विशेषता के कारण लोग इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं.
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित पार्वती कुंड का परिचय पिथौरागढ़ का यह पर्वती कुंड कुछ सबसे प्रमुख शक्तिपीठ में से आता है. यह उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र की खूबसूरत पहाड़ियों में लगभग 5338 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. पर्वती कुंड गूंजी गांव की जमीन पर स्थित है. वहां लोगों की परंपरा और वेशभूषा ही एकदम अलग और खास है. इस गांव में मुश्किल 20 से 25 परिवार रहते हैं लेकिन उन्होंने अपनी परंपरा को जीवंत कर रखा है.धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों रूप से पर्वती कुंड महत्वपूर्ण है. कहा जाता है कि कैलाश की यात्रा पर निकले लोग अगर भगवान शिव के दर्शन से पहले पर्वती कुंड के दर्शन करते हैं तो भोले बाबा की उन पर असीम कृपा बरसती है. पार्वती कुंडिया पार्वती सरोवर आदि कैलाश के नजदीक है. कैलाश की यात्रा पर जाने वाला हर व्यक्ति यहां दर्शन करता है और आगे के सफर के लिए आशीर्वाद प्राप्त करता है.
पीएम मोदी की यात्रा के बाद क्यों हो रही चारो ओर चर्चा जब प्रधानमंत्री उत्तराखंड के दौरे पर थे तब उन्होंने कैलाश जाने के बाद पर्वती कुंड में देवी पार्वती की पूजा की थी, जहां पर हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं. प्राकृतिक की गोद में बसी अध्यात्म और संस्कृति की इस स्थल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने देश के सभी परिवार जनों के सुखमय जीवन की कामना की. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर पार्वती कुंड की एक झलक भी पेश की और तस्वीरों के माध्यम से दिखाया कि किस तरह उन्होंने प्रार्थना और पूजा में हिस्सा लिया. यही वजह है कि पीएम मोदी के इस दौरे के बाद लगातार पर्वती कुंड चर्चा में है. यहां की शांति और सुंदरता लोगों को खूब आकर्षित करती है.
पर्वती कुंड से जुड़ी पांच विशेष बातें 1. कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव और उनकी पत्नी माता पार्वती ने ध्यान किया था.
2. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव जब अपनी बारात लेकर यहां से गुजरे थे तब उन्होंने जिस जगह पर अपना पड़ाव डाला था, उसी जगह पर अब यह पर्वती कुंड है.
3. इस पार्वती कुंड में स्नान करने से सभी तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं दूर हो जाती है.
4. शिव पुराण की कथा के अनुसार इस कुंड में स्नान से पहले माता पार्वती ने गणेश की रचना की और उन्हें जीवन दिया.
5. यह सरोवर के किनारे भगवान शिव और माता पार्वती का एक मंदिर है जिस क्षेत्र को ज्योतिलिंगकान्ग के नाम से जाना जाता है.