Connect with us

भारत के राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात होते हैं यह विशेष अंगरक्षक

फोकट का ज्ञान

भारत के राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात होते हैं यह विशेष अंगरक्षक

जब भी राष्ट्रपति के सुरक्षा की बात आती है, तो लोगों को लगता है एसपीजी और एनएसजी कमांडो राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे रहते हैं, पर यह केवल भ्रम है. सच्चाई तो यह है कि देश के सबसे बड़े पद पर विराजमान प्रथम नागरिक राष्ट्रपति को बेहद ही खास सुरक्षा दी जाती है जो पीजीबी यानी कि प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड(राष्ट्रपति अंगरक्षक) कहलाते हैं. इस दस्ते में मौजूद कई अधिकारी और जवान, भारतीय सेना की पैराशूट रेजीमेंट की स्पेशल फोर्स यूनिट से शामिल होते हैं। राष्ट्रपति भारत की तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर होते हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा भी बेहद खास होती है।जाट, सिख और राजपूत समुदाय के सुरक्षाकर्मियों को राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात किया जाता है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि मौजूदा सुरक्षा दस्ते में जितने भी जवान शामिल है उसमें सबसे ज्यादा जाट, सिख और राजपूत समुदाय से आते हैं. इसके अलावा 11 जूनियर कमीशंड ऑफिसर भी रहते हैं.

भारत के राष्ट्रपति को मिले सुरक्षा एवं सुविधाएं
राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे जवानों की लंबाई 6 फिट होना जरूरी होता है. इससे 1 सेंटीमीटर भी कम हो तो चयन नहीं होता है. राष्ट्रपति की सुरक्षा करने वाले जवानों की संख्या 176 है, जिसमें चार ऑफिसर, 11 जूनियर कमीशंड ऑफिसर और 161 जवान शामिल होते हैं. राष्ट्रपति की सुरक्षा में जिन जवानों को तैनात किया जाता है वह मुख्यतः हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से आते हैं. राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे जो रेजिमेंट होते हैं उसमें घोड़े भी काफी खास होते हैं. राष्ट्रपति को फ्री में इलाज और आवास की सुविधा मिलती है. इसके अलावा रिटायरमेंट के बाद पेंशन के तौर पर 1.5 लाख रुपए प्रतिमाह मिलता है. इस पेंशन के अलावा अलग से हर महीने ₹60000 स्टाफ पर खर्च करने के लिए दिया जाता है. सबसे खास बात यह है कि राष्ट्रपति को जीवन भर के लिए बंगला मिलता है. नई दिल्ली में जो राष्ट्रपति भवन है वह 320 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 340 कमरे हैं और यहां पर लगभग 200 लोग काम करते हैं. राष्ट्रपति के निवास पर मेहमान, स्टाफ और भोजन आदि पर अगर खर्च किए हुए राशि की विवरण देखे जाए तो यह 22.5 मिलियन है. एक राष्ट्रपति को दो मुफ्त लैंडलाइन और एक मोबाइल फोन या हवाई मार्ग के साथ मुफ्त यात्रा और जीवन भर के लिए मुफ्त वाहन सुविधाएं दी जाती हैं. भारत के राष्ट्रपति कस्टम बिल्ट ब्लैक mercedes-benz पुलमैन गार्ड के हकदार हैं. राष्ट्रपति के पास अधिकारी की यात्राओं के लिए हथियारों से लैस लंबी गाड़ी लिमोजिन भी साथ होती है. उनके कारवां में 25 गाड़ियां शामिल होती है.

राष्ट्रपति भवन की विशेषताएं और विभिन्न आंकड़े
राष्ट्रपति भवन जो कि विश्व का दूसरा सबसे बड़ा राज्य निवास है. कहा जाता है उसके निर्माण में लगभग 17 वर्ष लगे. इसमें लगभग 700 बिलियन ईटों का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें फाइव स्टार होटल की तुलना में भी सबसे ज्यादा कमरे हैं. राष्ट्रपति भवन में एक समर्पित हाँल है जो भारत के राष्ट्रपति को मिले सभी उपहारों को प्रदर्शित करता है. इनमें दो चांदी की कुर्सियां भी है जिसका प्रयोग किंग जॉर्ज पंचम ने किया था। वही दरबार हॉल में बुद्ध की मूर्ति मौजूद है। यही वजह है कि आकार, विशालता तथा इसकी भव्यता के लिहाजे से अगर देखा जाए तो दुनिया के कुछ ही राष्ट्रीय अध्यक्षों के सरकारी आवासीय परिसर राष्ट्रपति भवन की बराबरी कर पाएंगे. साल 1911 में जब अंग्रेजों ने कोलकाता की जगह दिल्ली को राजधानी बनाने का फैसला लिया था. वह एक ऐसी इमारत बनाना चाहते थे जो कई सालों तक मिसाल बने. 14 जून 1912 को इस आलीशान इमारत का नक्शा बनकर तैयार हुआ. 4 साल में इसे बन जाना था लेकिन इस भवन को बनने में 17 साल लग गया. 1912 में शुरू हुआ यह निर्माण 1929 में जाकर खत्म हुआ जिसमें कुल 14 लाख रुपए खर्च हुए थे. सबसे बड़ी विशेषता है कि राष्ट्रपति भवन के खंभों में भारतीय मंदिरों की घंटियों का प्रयोग किया गया है जो हमारे संस्कृति खासतौर पर हिंदू, बौद्ध तथा जैन परंपराओं का अभिन्न अंग माना जाता है.

राष्ट्रपति अंगरक्षक अपने कद-काठी और शौर्य के लिए जाने जाते हैं.

आगे पढ़ें
You may also like...

journalist

More in फोकट का ज्ञान

To Top