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बीमारी ऐसी की अपनी मां को भूल जाता है मरीज, जानिए समाधान

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बीमारी ऐसी की अपनी मां को भूल जाता है मरीज, जानिए समाधान

भूलने की बीमारी के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा, पर एक ऐसी बीमारी जिसमें मरीज अपनी मां-बाप को ही भूल जाए यह सोचकर ही थोड़ा अजीब लगेगा. पर यह पूरी तरह से सच है. आज हम अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी का जिक्र करने जा रहे हैं उसमें मरीज मां-बाप तो क्या कपड़े पहनना और खुद खाने के बारे में भी भूल जाता है और उसे कुछ भी याद नहीं रहता है. 60 की उम्र के बाद इस बीमारी का कोई स्थाई इलाज नहीं पता चल पाया है. बढ़ती उम्र के साथ ब्रेन केमिकल का कम होते जाना एक स्वाभाविक शारीरिक प्रक्रिया है, लेकिन अल्जाइमर न्यूरोकेमिकल कहीं ज्यादा तेजी से कम होता है. अल्जाइमर रोग में दिमाग के उत्तको को नुकसान पहुंचने लगता है. इससे करीबन 10 साल बाद व्यक्ति में लक्षण दिखाई देने लगते हैं. इसके इलाज में मस्तिष्क कोशिकाओं में केमिकल्स की मात्रा को संतुलित करने के लिए आमतौर पर दबाव का प्रयोग किया जाता है, जिस कारण रोगी की याददाश्त और सूझबूझ में सुधार होती है. इलाज जितनी जल्दी शुरू की जाए उतना ही फायदेमंद होता है और दवा के साथ- साथ परिजनों को काउंसिलिंग की भी आवश्यकता होती है, जिस कारण लक्षण की सही तरह पहचान और उसका इलाज हो सके.

क्या है अल्जाइमर
अल्जाइमर एक ऐसी परिस्थिति होती है जिसमें दिमाग की कोशिकाएं धीरे-धीरे सिकुड़ने लगती है जिस कारण हमारा दिमाग पहले की भांति काम करने में सक्षम नहीं रहता है. चीजो को समझने, याद रखने, चुनाव करने जैसे काम में धीरे-धीरे परेशानी आने लगती है. व्यक्ति फिर उन चीजों को भी भूलने लगता है जो वह कई सालों से करता आ रहा है. जैसे कपड़े पहनना, पैसे गिनना, खाना चबाना. अगर इसमें लक्षणों की बात करें तो सोचने की शक्ति कम होना, चीजों को भुलना, डिप्रेशन, थकान, कमजोरी, लोगों को पहचानने में परेशानी, आंखों की रोशनी कम या दूर होना यह सारी समस्याएं देखने को मिलती हैं. इसके सबसे बड़े कारण की ओर अगर बढ़ते हैं तो खराब जीवनशैली, सिर पर लगी कोई गंभीर चोट, डाउन सिंड्रोम, फैमिली हिस्ट्री और बढ़ती उम्र एक बहुत बड़ा कारक माना जाता है. मोटापा और सिर में चोट के इतिहास वाले लोगों में या इसके अलावा यदि आपके परिवार में किसी को यह बीमारी है तो आपके अंदर भी होने की संभावना बढ़ जाती है.

अल्जाइमर के इलाज का साइंटिफिक तरीका
खासतौर पर देखा जाए तो हर दिन पर्याप्त आराम, एक शांत माहौल के माध्यम से जीवन शैली में परिवर्तन लाकर अल्जाइमर से धीरे-धीरे छुटकारा पाया जा सकता है, पर आज के समय में कई ऐसे साइंटिफिक तरीके है जिसकी मदद से यह इलाज संभव है. शोधकर्ताओं ने बताया है कि अल्जाइमर से निपटने के लिए अल्ट्रासाउंड आधारित गामा एंट्रेनमेंट मददगार हो सकता है. इस तकनीक में किसी व्यक्ति की ब्रेन वेव्स को 300 हर्ट्ज से ज्यादा किया जाता है जिसे गामा वेव्स कहते हैं. यह काम बाहरी दोलन आवृत्ति से समेकित किया जा सकता है. यह प्रक्रिया स्वाभाविक रूप से यांत्रिक कंपन लाइट के जरिए की जा सकती है.
इसके अलावा अच्छा खाना पीना, भरपूर आहार, व्ययाम, सुबह जल्दी उठना और रात को जल्दी सोने जैसे खास बातों का ख्याल रख कर भी इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है. कई मामलों में यह भी कहा गया है कि बीमारी को पूरी तरह से अभी भी खत्म करने का कोई उपाय नहीं है.

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