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ओलंपिक खेलों की शुरुआत में मशाल जलाने की है प्रथा, जानिए कारण

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ओलंपिक खेलों की शुरुआत में मशाल जलाने की है प्रथा, जानिए कारण

ओलंपिक खेलों में हर किसी ने मशाल जलाने के बारे में सुना होगा जो पिछले कई दशक से चलता आ रहा है और आज भी इस प्रक्रिया को दोहराया जाता है. साल 1936 में पहली बार ओलंपिक खेलों में मशाल यात्रा की शुरुआत की गई थी. यह मशाल ओलंपिया शहर से जलाई गई तथा इसको ओलंपिक की मेजबानी करने वाले देश तक पहुंचाने की शुरुआत की गई. ओलंपिक खेलों में मशाल जलाने के बारे में तो हर किसी ने सुना होगा लेकिन यह बात शायद ही कम लोगों को पता होगी कि यह मशाल सूर्य की किरणों से जलाई जाती है. अगर इसके पीछे के कारण देखा जाए तो वजह यह है कि सूर्य की किरणों को पवित्र माना जाता है जिसके बाद इन खेलों की शुरुआत होती है.

ओलंपिक खेल का इतिहास
यूनान के ओलंपिया पर्वत पर खेले जाने के कारण इस खेल का नाम ओलंपिक पड़ा, जिसकी शुरुआत ओलंपिया शहर में 776 ईसा पूर्व में हुई थी. देखा जाए तो आधुनिक ओलंपिक की शुरुआत 1896 ईसवी में एथेंस, ग्रीस में हुई थी. प्रतिवर्ष 23 जून को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जाता है. अभी तक 5 महाद्वीपों के 23 शहरों में 28 ओलंपिक खेलों का आयोजन हो चुका है. हर 4 वर्षों के अंतराल पर इस खेल को आयोजित किया जाता रहा. यह बारी-बारी से प्रत्येक 2 साल पर ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक आयोजित होते हैं, जिसमें 200 से भी अधिक देश के खिलाड़ी भाग लेते है. 28 अलग-अलग तरह की खेलों जैसे की दौड़, कुश्ती, हॉकी, भारतोलन, शूटिंग, बैडमिंटन, तलवारबाजी, इत्यादि खेलों के लिए खिलाड़ी शामिल होते हैं. साल 1896 के बाद 1900 को इसका आयोजन पेरिस में, 1904 को सैंट लुइ, (अमेरिका), 1960 को लंदन, 1912 को स्वीडन, 1920 को बेल्जियम, 1924 पेरिस, 1928 एम्स्टर्डम, 1932 लॉस एंजेलिस, 1936 बर्लीन, 1948 लंदन, 1952 हेलसिंकी, 1956 मेलबर्न, 1960 रोम, 1964 टोक्यो, 1968 मैक्सिको सिटी, 1972 म्यूनिख, 1976 मोंट्रियल ,1980 मास्को, 1984 लॉस एंजेलिस, 1988 सोल, 1992 बार्सिलोना, 1996 अटलांटा, 2000 सिडनी, 2004 एथेंस, 2008 बीजिंग.
जब पहली बार ओलंपिक खेलों की शुरुआत हुई थी, तो उसमें केवल 14 देशों ने भाग लिया था और महिलाओं की संख्या काफी कम थी, लेकिन वक्त के साथ बदलाव आए और इसमें महिलाओं की भागीदारी भी कमाल है. ओलंपिक खेलों का आयोजन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को दिया जाता है जिसकी स्थापना 1894 में हुई थी. ओलंपिक खेलों का संचालन का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा किया जाता है.

ओलंपिक खेलों की शुरुआत में मशाल जलाने की वजह
हर 4 साल में विश्व भर में ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाता है और इस खेल में मेडल जीतना उस देश और उस खिलाड़ी के लिए बेहद ही गर्व की बात होती है. यह मान्यता है कि ग्रीस के लोग आग को बहुत पवित्र मानते हैं. वहां मंदिरों में भी निरंतर आग जला कर रखते हैं. ओलंपिक में भी यह प्रथा इसी धारणा को लेकर शुरू हुई थी ताकि आग के कारण इस खेल की पवित्रता बनी रहेगी. ओलंपिक मशाल जलाने की शुरूआत भगवान हेरा के मंदिर से की गई थी जिस वक्त सूर्य की किरणों के जरिए आग लगाई गई थी और यही वजह है कि सूर्य की किरणों को काफी पवित्र माना जाता है. ओलंपिक खेल ने पूरी दुनिया को एक सूत्र में बांधने का काम किया है, जिस कारण लोग एक दूसरे की परंपराओं और वहां की रीति रिवाजों से भी वाकिफ होते हैं.

ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल.

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