एक गरीब परिवार का ऐसा लड़का जिसका बचपन कई मुश्किलों से गुजरा हो। उस लड़के के बारे में शायद ये कोई नहीं सोच सकता था कि वह दुनिया के सबसे बड़े देश का राष्ट्रपति बनेगा। जिस इलाके में वह रहते थे वहां आम लड़कों के साथ मारपीट होना बहुत आम बात थी जिसके बाद व्लादिमीर पुतिन ने जूडो कराटा सीखा और फिर स्कूल खत्म होते ही उन्होंने अपने सपने यानी कि जासूस बनने के बारे में एक कदम आगे बढ़ाया. आगे उन्होंने केजीबी में जासूस बनने के लिए अप्लाई कर दिया जो दुनिया की सबसे खतरनाक खुफायां एजेंसियों में से एक है. वहां ऑफिसर ने यह कहकर उन्हें लौटा दिया कि जाकर पढ़ाई करो, बाद में आना. 7 साल बाद कानून की पढ़ाई की और डिग्री लेकर फिर केजीबी पहुंच गए और वहां अपनी पढ़ाई शुरू की. साल 1985 से 1990 तक केजीबी के एजेंट के रूप में उन्होंने वहां काम किया. एक जासूस के दौरान ही जर्मनी में केजीबी के ऑफिस को हजारों लोगों ने घेर लिया. इसी ऑफिस के अंदर व्लादीमीर पुतिन ने सारे सीक्रेट दस्तावेज को जला दिए. वह शांत दिमाग से अपने काम में लगे रहे और बाहर हंगामा होते रहा. अचानक बाहर आए और उन्होंने हजारों की भीड़ से कहा कि हमारे पास बंदूकधारी गार्ड है अगर आपने कोई गलत कदम उठाया तो सबको भून दिया जाएगा और उनका यह तरीका कामयाब हुआ. असल में उनके पास कोई बंदूकधारी गार्ड नहीं था लेकिन इसके मदद से उन्होंने अपनी और सैकड़ों लोगों की जान बचाई. इसके बाद हर कोई उनका मुरीद हो गया.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक जासूस से राष्ट्रपति बनने का सफर साल 1975 में लाँ में ग्रेजुएट करने वाले पुतिन ने सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी केजीबी को ज्वाइन किया और उसके जासूस बन गए. साल 1980 में उन्हें जर्मनी में तैनात किया गया. 16 सालों तक उन्होंने बतौर जासूस काम किया और फिर इस्तीफा देकर राजनीति में आ गए. 25 दिसंबर 1991 में सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया तब बोरिस येल्तसिन को सत्ता मिली और राष्ट्रपति भवन पर रूसी झंडा फहराने के दौरान इनकी व्लादीमीर पुतिन से नजदीकियां बढ़ती गई और धीरे-धीरे येल्तसिन ने पुतिन को साल 1999 में रूस का प्रधानमंत्री बना दिया. 31 दिसंबर 1999 को येल्तसिन ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया इसके बाद बतौर कार्यवाहक राष्ट्रपति पुतिन ने सत्ता संभाला और 26 मार्च 2000 को पहली बार राष्ट्रपति का चुनाव जीता और तमाम मुश्किलों को पार करते हुए एक आम लड़का रूस का राष्ट्रपति बना. इस चुनाव में उन्होंने 70 फ़ीसदी वोट हासिल किए थे.
10 खास बातें, जो पुतीन को विश्व का सबसे खतरनाक राष्ट्रपति बनाती हैं
1. वर्ष 2000 में उन्हें 53, 2004 में 70 फ़ीसदी वोट मिला और आज उन्हें रूस के 70 फ़ीसदी लोगों का समर्थन प्राप्त है.
2. व्लादिमीर पुतिन रूस के इतिहास के सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार हैं, जिनकी परवरिश बेहद गरीब परिवार में हुई थी.
3. व्लादिमीर पुतिन ने कानून की पढ़ाई की है जिनके पास 15 साल का प्रशासनिक अनुभव भी है.
4. फोर्ब्स पत्रिका ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर जनरल को दुनिया का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति घोषित किया है
5. सुरक्षा की दृष्टि से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर नौसेना के परिवार के सदस्यों की जानकारी आज भी अत्यंत विश्वास बनाए रखती है.
6. व्लादिमीर पुतिन 90 के दशक में घटी दो घटनाओं के बाद रशियन ऑर्थोडॉक्स चर्च के समर्पित सदस्य बन चुके हैं और वह बचपन से ही नास्तिक है.
7. 2 बार 2014 और 2021 में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया जा चुका है.