विवियन रिचर्ड्स के क्रिकेट का दौर खत्म होने के बाद पूरी दुनिया वेस्टइंडीज की टीम को लोग एक छुटपुटिया टीम समझने लगी थी, पर उन्हें नहीं पता था कि इस टीम में ब्रायन लारा जैसा एक तूफान भी आने वाला है. उसके बाद तो ब्रायन लारा के आने से वेस्टइंडीज क्रिकेट में एक नई जान आ गई. ब्रायन लारा जो बल्लेबाजी के जादूगर कहे जाते थे उनके आने से वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम की काया ही पलट गई और एक के बाद एक नए रिकॉर्ड बनने लगे और पूरी दुनिया में वेस्टइंडीज की टीम को नए सिरे से पहचान मिलने लगी।
ब्रायन लारा का परिचय, क्रिकेट करियर चुनने की कहानी 2 मई 1969 को वेस्टइंडीज के सांताक्रूज त्रिनिदाद में ब्रायन लारा का जन्म हुआ. अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने फातिमा कॉलेज में नामांकन करवाया, जहां से उनके क्रिकेट करियर को एक नई दिशा मिलनी शुरू हो गई. वह कहते हैं ना कि जो होना होता है उसका बीज पहले से ही बो दिया जाता है. ब्रायन लारा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. 4 साल की उम्र में नारियल की शाखा से बने बल्ले से उन्होंने खेलना शुरू किया. उस वक्त किसी को नहीं पता था कि यह छोटा बच्चा पूरी दुनिया में इस कदर तहलका मचाएगा. अपने परिवार के 11 बच्चों में ब्रायन लारा दसवें नंबर पर थे. क्रिकेटर बनाने में उनके पिता बंटी का सबसे बड़ा योगदान था, पर जब लारा ने टेस्ट डेब्यु भी नहीं किया था,तब उनके पिता ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. जनवरी 1988 में लारा ने लीवार्ड आईलैड्स के खिलाफ प्रथम श्रेणी में प्रवेश किया और उन्होंने अपने दूसरे फर्स्ट क्लास मैच में वेस्टइंडीज के दो महान खिलाड़ी जोएल गार्डनर और मैलक्म मार्शल वाले बारबाडोस आक्रमण के खिलाफ 92 रन बनाए. इसी साल उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में यूथ वर्ल्ड कप के लिए वेस्टइंडीज टीम की कोचिंग की और वेस्टइंडीज में प्रवेश किया. उस वक्त भारतीय टीम के खिलाफ अंडर वेस्ट 23 के कप्तान के रूप में दौरे पर उनकी आतिशी पारी ने उनकी टीम को यह मुकाबला जीता दिया और फिर वेस्टइंडीज की नेशनल टीम में उनका चयन हुआ. 8 प्रथम श्रेणी पारियों में 7 शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी ब्रायन लारा ही थे. 131 टेस्ट में 11953 रन, 299 वनडे में 10405 रन ब्रायन लारा के नाम दर्ज है.
लारा की कुछ अहम पारियां जिसे हमेशा याद रखेगी दुनिया 1. साल 2004 में एंटीगुआ टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ ब्रायन लारा ने नाबाद 400 रन की पारी खेलकर टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक स्कोर बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था. इस मैच में ब्रायन लारा ने 582 गेंदों का सामना करते हुए 43 चौके और 4 छक्के लगाए थे. इस रिकॉर्ड को जो आज तक कोई नहीं तोड़ पाया.
2. फर्स्ट क्लास के एक पारी में 500 रन बनाने वाले ब्रायन लारा एकमात्र खिलाड़ी हैं. उनका सर्वोच्च स्कोर 501 रन था.
3. टेस्ट फॉर्मेट में कई खिलाड़ी आए और गए लेकिन ब्रायन लारा ने जो किया वह कोई नहीं कर पाया. 1994 में इंग्लैंड के खिलाफ ब्रायन लारा ने टेस्ट मैच में 375 रन की पारी खेली थी.
4. जब लारा 29 साल के थे, उस वक्त उन्होंने बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर वार्विकशायर की ओर से खेलते हुए काउंटी क्रिकेट में डरहम के खिलाफ 500 से ज्यादा रन की नाबाद पारी खेली थी. इसमें उन्होंने 427 गेंद पर 501 रन बनाए थे.