ब्रश करते वक्त आमतौर पर हमारी मसूड़ों में चोट लग जाती है. कई दफा तो खून भी निकलने लगता है. समय पर यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह आगे चलकर हमारे मसूड़ों और दांतों के लिए काफी खतरनाक साबित होता है, जो जिंजिवाइटिस का रूप ले लेता है. दरअसल इस परिस्थिति में हमारे मसूड़े पूरी तरह से फुलने लगते हैं और उसमें खून आने लगता है. कभी-कभी यह देखा जाता है कि मसूड़ों में हमारी तकलीफ भले ही थोड़े समय के लिए होती है लेकिन यह बहुत दर्दनाक होती है जिस कारण ब्रश करते वक्त कई बार हमारे मुंह से खून आने लगता है और मसूडो़ में धीरे-धीरे सफेद रंग के धब्बे दिखने लगते हैं. इसकी वजह से हम कुछ खा नहीं पाते हैं. मुंह से बदबू आने की समस्या भी होती हैं. आज हम आपको जिंजिवाइटिस नाम की बीमारी के बारे में पूरी जानकारी बताएंगें कि किस तरह आप बिना नजरअंदाज किए आसानी से इस बीमारी का इलाज कर सकते हैं.
जिंजिवाइटिस नामक बीमारी का परिचय लक्षण : जिंजिवाइटिस नाम की बीमारी हमारे मसूड़ो में एक तरह का संक्रमण का संकेत देती है जो कई बार अपने आप ही हो जाता है. पर कई मामले में यह गंभीर रूप ले लेता है. कई बार ज्यादा चॉकलेट, मिठाई जैसी चीजों का सेवन करने से हमारे मसूड़ों में बैक्टीरिया पनपने लगती है जिस कारण यह तेजी से पनपने लगता है. यह बीमारी दांतो को सहारा देने वाले उत्तको को बर्बाद कर देता है, जिसमे मसूड़ो, मुंह के लिगामेंट, दांत के सॉकेट शामिल हैं. धीरे-धीरे जब यह बीमारी बढ़ने लगती है तो इसके खतरनाक लक्षण भी नजर आने लगते हैं जिस कारण हमारे मसूड़ो में सूजन होना, दर्द और जलन, मसूड़ों का रंग बदलना जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं. उम्र के साथ लोगों में इस बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है. आज देखा जाए तो लगभग 85 फ़ीसदी भारतीयों में मसूड़ों की बीमारी की समस्या होती है. 15 साल से कम उम्र के 70 फीसदी बच्चों के दांत खराब हो चुके हैं जो लापरवाही की ओर साफ संकेत करता है.
*इस बीमारी का क्या है उपचार* जिंजिवाइटिस के इलाज के लिए आपको पीरियडोनटाइटिस विशेषज्ञ से जरूर संपर्क करना चाहिए, जिनके पास दवाओं के माध्यम से प्लॉक हटाने की विधि होती है. इसके अलावा यह आपकी भी जिम्मेदारी है कि आप जितना हो सके मसूड़ो को मजबूती देने वाले भोजन का सेवन करें. इसके अलावा देखा जाए तो दांतो की पूरी सफाई, एंटीसेप्टिक माउथवॉश और एंटीबायोटिक दवाओं का एक छोटा कोर्स आप इस्तेमाल कर सकते हैं, जो आमतौर पर 3 दिन के लिए होता है. वहीं अगर आवश्यकता है तो डेंटल क्लीनिक में जाकर दांतों की फ्लॉसिंग भी करवा सकते है. जिंजिवाइटिस से बचने के लिए आसान तरीका यह है कि आप अपने मौखिक स्वास्थ्य का पूरी तरह ध्यान रखें. सोने से पहले और उठने के बाद यह दो समय ब्रश जरूर करें ताकि आपके दांतों में फंसे हुए भोजन निकल जाए ताकि आपके दांत में बैक्टीरिया ना रह पाए. अपने भोजन में शुगर की मात्रा जितना हो सके कम करें और पोषक तत्वों को शामिल करें. मुँह की गंदगी साफ करने के लिए आप गर्म पानी में नमक डालकर भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.