साढ़े 5 फुट का एक लड़का जिसे देखकर शायद कभी कोई नहीं कह सकता था कि यह पूरी दुनिया में इस कदर अपने नाम का परचम लहराएगा पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. क्रिकेट के भगवान की उपाधि से यह समझा जा सकता है कि सचिन तेंदुलकर ने पूरी दुनिया में अपने खेल से क्या कुछ हासिल किया है तभी तो उन्हें इतनी बड़ी उपाधि दी जाती है. अपने करियर में सैकड़ों शतक और ना जाने कितनी आतिशी पारी सचिन तेंदुलकर ने खेली जिस वजह से आज उन्हें मास्टर ब्लास्टर और क्रिकेट का भगवान भी कहा जाता है। यह उपाधि केवल सचिन तेंदुलकर के नाम ही है. आज हम बताएंगे कि किस तरह सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट की किस्मत बदल दी और अपने कई ऐतिहासिक पारियों से दुनिया के कोने- कोने में अपनी पहचान बनाई.
सचिन के क्रिकेट करियर की शुरुआत एक ऐसा खिलाड़ी जिसके पूरे करियर के दौरान किसी तरह का कोई विवाद देखने को नहीं मिला. ना ही उन्होंने आवेश में आकर कोई टिप्पणी की. किसी खिलाड़ी ने अगर उनके खिलाफ कहा भी तो उसका जवाब उन्होंने अपने बल्ले से दिया. 24 अप्रैल 1973 को सचिन तेंदुलकर का जन्म महाराष्ट्र में हुआ. सचिन तेंदुलकर ने 664 अंतरराष्ट्रीय मैच में 34357 रन, 200 टेस्ट में 15291 रन और वनडे के 463 मैचों में 18426 रन बनाने का रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है. रणजी ट्रॉफी व दिलीप ट्रॉफी के पदार्पण मैच में शतक लगाने वाले सचिन तेंदुलकर पहले खिलाड़ी थे. मुंबई के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट की पहली पारी में शतक बनाने के बाद उन्हें पाकिस्तान के लिए खेलने का मौका मिला. 15 नवंबर 1989 को उन्हें अपने जीवन में पहली बार इंटरनेशनल मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेलने को मिला जिसमें वह 24 गेंदों का सामना करते हुए 25 रन बनाकर आउट हो गए थे. 2003 के वर्ल्ड कप में सचिन ने अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.अंत में 2015 का वर्ल्ड कप कौन भूल सकता है जिसमें तेंदुलकर ने मैन ऑफ द सीरीज रखते हुए भारत को विश्व कप दिलाने में अहम भूमिका निभाई। अपने करियर में 62 बार सचिन तेंदुलकर मैन ऑफ द मैच का अवार्ड जीते जो किसी भी क्रिकेटर की तुलना में सबसे ज्यादा है.
क्यों कहां जाता है क्रिकेट का भगवान सचिन तेंदुलकर एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके बल्ले से अर्ध शतक निकलने के बाद उनके फैंस को यह तय हो जाता था कि अब शतक आने वाला है. यह 1998 की बात है जब ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच रोचक मुकाबला चल रहा था. उस वक्त सचिन तेंदुलकर ने एक नहीं बल्कि 2 शतक लगाए थे, जिससे प्रभावित होकर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मैथ्यू हेडन ने सचिन तेंदुलकर को भगवान की उपाधि दे दी और कहा कि मैंने भगवान को देखा है, जो भारत के लिए नंबर चार पर बल्लेबाजी करता है और यहीं से सचिन तेंदुलकर मास्टर ब्लास्टर से पूरी दुनिया में क्रिकेट के भगवान बन गए.