आज के समय में ऐसा कोई घर नहीं होगा जहां पर मैगी नहीं बनती होगी. हर उम्र के लोग आज इसे खाना पसंद करते हैं और खासकर के बच्चे तो इसके लिए इतने दीवाने हो चुके हैं कि इसके आगे वह खाना खाना भी भूल जाते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि एक अच्छे स्वाद के साथ यह झटपट बनकर तैयार हो जाता है, जिसे खाकर आपका पेट भर जाता है.पर क्या आप जानते हैं कि आज जो मैगी 2 मिनट में बनकर तैयार हो जाता है. उसका इतिहास लगभग 150 साल पुराना है. स्विट्जरलैंड के रहने वाले जूलियस माइकल जोहानस मैगी द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी. दरअसल उन्होंने 1884 में आटे से बने प्रोडक्ट को बेचना शुरू किया था, पर उनका बिजनेस कुछ खास नहीं चल पाया. वह ऐसा सामान बनाना चाहते थे जो जल्दी से पक जाए और बस यही से मैगी की शुरुआत हुई. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह मैगी ने पूरी दुनिया पर अपनी पकड़ बना ली है और आखिर किस वजह से इसका नाम मैगी रखा गया है.
नेस्ले मैगी का परिचय स्विट्जरलैंड से जिस मैगी की शुरुआत हुई, उसमें प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती थी. उस वक्त उनकी सोच थी कि वह कैसा खाद उत्पाद बनाने का सपना देख रहे थे, जो नमक और काली मिर्च की तरह सर्व सम्मत हो और ऐसा खाद पदार्थ जिसे पूरी तरह पोषण से भरपूर किया जाए और इसके बाद एक ऐसा ब्रांड बना जिसे आज तक कोई नहीं भूल पाया. मैगी की शुरुआत के पीछे एक सबसे बड़ा उद्देश्य यह था कि यह जल्दी पक जाने वाला खाना था ताकि महिलाओं का वक्त खाना बनाने से बच जाए. इस वक्त देखा जाए तो भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, मलेशिया और सिंगापुर जैसे बड़े देशों में मैगी बेचे जाते हैं और लोग वहां बड़े ही चांव से इसका सेवन करते हैं.
भारत में मैगी का इतिहास जब साल 1947 में हमारा देश आजाद हुआ तब नेस्ले कंपनी ने मैगी को खरीदा था. साल 1984 में इस कंपनी ने मैगी को भारत में लाने का काम किया. विज्ञापन पर नेस्ले ने करोड़ों रुपए खर्च किए और फिर धीरे-धीरे यह लोकप्रिय होते गए. 80 के दशक में पहली बार नेस्ले ने मैगी ब्रांड के तहत नूडल्स लॉन्च किए थे जो शहरी लोगों के लिए नाश्ता का सबसे अच्छा विकल्प बन चुका था और 1999 तक हर घर में मैगी नजर आने लगी थी. मैगी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए नेस्ले ने अपने बिजनेस को और बढ़ाया और इसके साथ ही उन्होंने मैगी मसाला, इंस्टेंट नूडल्स जैसे कई प्रोडक्ट बनाने शुरू कर दिए. आज परिस्थिति यह है कि भारत में नेस्ले ग्रुप के कुल प्रॉफिट में मैगी ब्रांड की करीब 25 फ़ीसदी हिस्सेदारी है. नेस्ले ने भारत में मैगी का जिस तरह से परिचय दिया वह बेहद ही शानदार था. मम्मी भूख लगी है, मैगी मैगी.. वाला ऐड तो हर किसी ने देखा होगा. इस विज्ञापन ने तो ऐसा असर डाला कि हर घर में बच्चे मैगी की जिद करने लगे और धीरे-धीरे यह बच्चों के साथ- साथ बड़ों को भी पसंद आने लगा जिसमें विज्ञापन की एक बहुत बड़ी भूमिका थी। इसके अलावा इसका स्वाद और इसके 2 मिनट में बन जाने की कहानी भी बेहद खास है जिस कारण लोग इसे पसंद करते हैं.