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तेजी से उजड़ रहा है BYJU’s क्लासेस का साम्राज्य, कोरोना के साथ ही चला गया गोल्डन टाइम

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तेजी से उजड़ रहा है BYJU’s क्लासेस का साम्राज्य, कोरोना के साथ ही चला गया गोल्डन टाइम

BYJU’s द लर्निंग एप का नाम तो आप सभी ने सुना होगा। एक वक्त में बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता शाहरुख खान भी टीवी पर इसका विज्ञापन करते नजर आते थे, पर अब तो वह भी नहीं दिखते. पूरी दुनिया में शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग ही क्रांति लाने वाली BYJU’s कंपनी अचानक इस तरह धराशाई होगी किसी ने उम्मीद नहीं की थी.आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह इसकी शुरुआत हुई और कितनी ऊंचाई तक यह पहुंचा.

BYJU’s क्लासेस का परिचय
दुनिया की सबसे बड़ी एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी माने जाने वाली BYJU’s ने स्कूली छात्रों से लेकर कॉलेज जाने वाले छात्रों के लिए भी घर बैठे सहूलियत के साथ अलग-अलग कोचिंग की सुविधाएं उपलब्ध कराई. हर चीज को बनाने के पीछे एक बहुत बड़ा मकसद होता है. BYJU’s क्लासेस के साथ भी यही था. शिक्षा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी क्रांति के मकसद से इसे मार्केट में लाया गया था, जिसने एक हद तक ऐसा किया भी. 41 साल के बाईजू रवींद्रन ने इसकी शुरुआत की. यह वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर BYJU’S में कोचिंग शुरु कर दी थी और यहीं से BYJU के एक सफल बिजनेसमैन बनने का सफर शुरू हुआ. छोटे कमरे में सबसे पहले इसकी शुरुआत हुई जिसके बाद स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ने लगी. 2015 में उन्होंने अपना फ्लैगशिप प्रोडक्ट BYJU’S : द लर्निंग एप लॉन्च किया और यह उनके लिए सबसे बड़ा गेम चेंजर साबित हुआ. 7 साल में वह इसके माध्यम से अरबपति बन गए और टीवी पर शाहरुख खान ने आकर भी इसका ऐड करना शुरू कर दिया था, तब तो इसकी लोकप्रियता में चार चांद लग गई. सितंबर 2020 तक इसके 7.4 करोड़ सब्सक्राइब थे और तेजी से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पकड़ बना रहा था. यह नर्सरी से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चों को ऑनलाइन लर्निंग क्लास उपलब्ध कराती थी. यही वजह है कि हर साल इस कंपनी का टर्नओवर बढ़ता गया. इतना ही नहीं भारत के अलावा दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, सोवियत संघ जैसे देश में भी इसने अपनी पकड़ बना ली थी और धीरे-धीरे घर बैठे क्लास करना छात्रों के लिए सहायक भरा होने लगा अच्छा था.

बहुत तेजी से क्यों बर्बाद हो रहा BYJU’S क्लासे
BYJU’s के प्रति लोगों का रुझान कम होने में एक सबसे बड़ा कारण महामारी भी है. दरअसल जब तक कोरोनावायरस महामारी चला तब तक बच्चों ने जमकर इस पर अपने क्लासेस किए लेकिन इसका प्रभाव कम होने और छात्रों की ऑफलाइन कक्षाएं फिर से शुरू होने के कारण कंपनी की वृद्धि धीमी हो गई और धीरे-धीरे छात्रों द्वारा वैसी प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है, जैसी उम्मीद थी. पिछले करीब डेढ़ साल पहले एक एडटेक कंपनी BYJU’S भारत का एक मूल्यवान शासक मानी जाती थी, जिसके द्वारा 120 करोड़ डॉलर का लोन अमेरिका में डिफॉल्ट हो गया. इतना ही नहीं इसके बाद उसके 3 स्वतंत्र निदेशकों ने इस्तीफा दे दिया था. वही 2021 के वित्तीय नतीजों में ₹4000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान बताया गया. इस बात को भी देखा जा सकता है कि दुनिया में अभी कई ऐसे शिक्षण संस्थान है जो सदियों पुरानी है जिसकी जगह लेना इतना भी आसान नहीं है. BYJU’S की परेशानी 2022 के अंत में शुरू हुई जब उसने 18 महीने की देरी के बाद वित्तीय वर्ष 2021 के लिए अपने वित्तीय नतीजे दाखिल किए थे, जिसमें पहले के अनुमान की तुलना में  महत्वपूर्ण गिरावट का पता चला था.

कोरोना के बाद बाईजू क्लासेस ने ऑफलाइन क्लास भी शुरू किए परंतु वह भी काम नहीं आ रहा.

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