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लुटियंस दिल्ली के नाम से जाना जाता है राजधानी का यह इलाका, पुराना है इतिहास

किस्सा- कहानी

लुटियंस दिल्ली के नाम से जाना जाता है राजधानी का यह इलाका, पुराना है इतिहास

देश की राजधानी दिल्ली का यह इलाका केवल दिल्ली वाले ही नही बल्कि इससे हर कोई आज वाकिफ है. इसकी वजह है यहां पर स्थित महत्वपूर्ण बिल्डिंग जो बाकी कई जगहों से पूरी तरह अलग है. यह दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश का सबसे रईस रेजिडेंशियल इलाका माना जाता है, जिस इलाके में देश के दिग्गज राजनेताओं से लेकर जाने-माने कारोबारी रहते हैं और आज भी देश की सत्ता यहीं से संचालित होती हैं. 1911 में जब देश की राजधानी कोलकाता हुआ करती थी उस वक्त अंग्रेजों ने दिल्ली को नई राजधानी बनाने का फैसला लिया. इसके निर्माण के लिए उनके दिमाग में जो दो नाम आए उसमें से एक नाम मशहूर ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडमिन लुटियंस का था. इसके निर्माण में करीब 20 साल लगे जो 10 फरवरी 1931 को पूरा हुआ और इसका उद्घाटन किया गया. उसके बाद लुटियंस ने यहां अपना एक ऑफिस बनाया जिसके बाद उन्होंने इमारत के लिए उपयुक्त जगह और उनका बेहतरीन डिजाइन तैयार की.

लुटियंस दिल्ली का परिचय
लुटियंस दिल्ली 26 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फैला हुआ इलाका है,जिस जोन में आसपास और देश के बड़े-बड़े मंत्री, सांसद, तीनों सेनाओं के प्रमुख, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज और बड़े अधिकारी रहते हैं. यानी कि इसे अगर एक वीवीआईपी इलाका कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा. 1910 में इंग्लैंड के नए राजा जॉर्ज पंचम ने दिल्ली का निर्माण और विकास की जिम्मेदारी लुटियन और हर्बर्ट बेकर को सौंपी. मैंने आर्किटेक्ट लुटियंस ने बंगले के चारों तरफ हरियाली है. इसके पश्चिम में एक जंगल एरिया है. दक्षिण में नेहरू पार्क, वायुसेना स्टेशन और जिमखाना क्लब है. लुटियंस दिल्ली में लोक कल्याण मार्ग पर पीएम आवास है. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी यहां रहते हैं. लोकसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, राज्यसभा के सभापति और उपसभापति के अलावा सांसद के लिए भी यहां पर आवास आवंटित किए जाते हैं. दिल्ली लुटियंस में 3000 सरकारी स्वामित्व वाली संपत्ति और 600 नीजी बंगले है.एडमिन लुटियन की टीम ने कनॉट प्लेस, जनपथ पर ईस्ट और वेस्ट कोट, तीन मूर्ति हाउस, सफदरजंग एयरपोर्ट, नेशनल स्टेडियम और कई सरकारी इमारतों का निर्माण किया.


लुटियंस दिल्ली की कुछ खास बातें
1. दिल्ली लुटियंस के बंगले इतने शानदार और आलीशान है कि हमेशा रसूखदार लोगों के बीच यहां रहने के लिए होड़ लगी रहती है.

2. दिल्ली के इस इलाके की इमारतों की डिजाइन में भारतीय मुगल, पश्चिमी और बौद्ध वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है. लुटियंस दिल्ली की इमारतों में बौद्धिक तथा खिड़कियों से यूरोपीय वास्तुकला का प्रभाव नजर आता है.

3. दिल्ली लुटियंस बंगला दिल्ली का सबसे महंगा इलाका माना जाता है, जहां देश के टॉप अरबपति के बंगले हैं जिसमें अडानी ग्रुप के गौतम अडानी, लक्ष्मी मित्तल, विजय शेखर, नवीन जिंदल जैसे शख्सियत शामिल है.

4. यहां का राष्ट्रपति भवन जिसे वायसराय हाउस भी कहा जाता है. उसके ऊपर बना गुंबदनुमा ढांचा बौद्ध परंपरा की सांची स्तूप की याद दिलाता है.

5. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दिल्ली की भीड़-भाड़ इलाके से पूरी तरह अलग है जहां चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है.

यह आजादी से पहले की तस्वीर है जिसमें नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को दिखाया गया है.

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