अंडरवर्ल्ड के मशहूर डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम तो आज बच्चा-बच्चा जानता है, जिनके नाम से लोग खौफ खाते हैं. पर क्या कोई सोच सकता है कि इस अंडरवर्ल्ड डॉन को बीच बाजार में किसी ने जोरदार पिटाई की होगी. ऐसा करना तो दूर ये सोचने से पहले भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे, पर ऐसा हुआ और यह भयानक था. यह करने वाला कोई और नहीं एक अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला था. जब 60 और 70 के दशक में अंडरवर्ल्ड की जड़े मुंबई में धीरे-धीरे फैलने लगी थी, तब एक ऐसी घटना हुई जिसने हर किसी को हिला कर रख दिया. आज हम आपको अंडरवर्ल्ड के एक खतरनाक डॉन की कहानी बताने जा रहे हैं.
कुख्यात डॉन करीम लाला का जीवन परिचय करीम लाला का जन्म 1911 में अफगानिस्तान में हुआ था, जिनका असली नाम अब्दुल करीम शेरखान था. कहा जाता है कि वह अफगानिस्तान के एक अमीर परिवार से संबंध रखता था परंतु वह और अमीर होना चाहता था. उसके अंदर बचपन से ही यह सपना था कि वह बेशुमार दौलत कमा सके जिस वजह से उसने भारत आने का सोचा. अब्दुल करीम शेर खान भारत में पेशावर से प्रवेश किया था. करीम लाला 1931 में भारत आए थे जिस वक्त उनकी उम्र मात्र 21 वर्ष थी. दरअसल वह अफगानिस्तान से भारत काम की तलाश में आया पर यहां आने के बाद उसे कोई काम पसंद नहीं आता था और यहीं से वह पैसे के चक्कर में अपराध की दुनिया में चला गया. इसके बाद उसने जुए का अड्डा खोला और यहां से उसकी कमाई शुरू हुई. इस बीच उसकी मुलाकात कई बड़े-बड़े गुंडो और बदमाश से हुई और उसने धीरे-धीरे लोगों को इकट्ठा करके पठान गैंग बनाई जिसने पूरी मुंबई पर कब्जा कर लिया. इस गैंग में उसने लगभग सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों को शामिल किया था. यह उस वक्त की कहानी है जब करीम लाला को यह जानकारी मिली कि दाऊद इब्राहिम अपने गुर्गो के साथ उनके इलाके में हंगामा कर रहा है. वहां पहुंचकर करीम लाना ने जमकर दाऊद इब्राहिम की पिटाई की और उसे तब तक मारा जब तक वह अधमरा नहीं हो गया. इस दौरान अंडरवर्ल्ड दाऊद इब्राहिम को कई गंभीर चोट आई और इसी के बाद से दोनों एक दूसरे के कट्टर दुश्मन बन गए. दाऊद और करीम लाला के बीच खूनी गैंगवार शुरू हुआ. करीम लाला को किंग के नाम से भी जाना जाता था, जिन्हें हाजी मस्तान असली डॉन कहा करते थे क्योंकि ऐसा करने की हाम्मत करीम लाला के अंदर ही हो सकती थी.
करीम लाला के मुख्य अपराध 1. करीम लाला अपहरण, फिरौती, वसूली, सुपारी लेकर हत्या, नशीली चीजों की तस्करी करने का काम किया करता था. 2. दाऊद इब्राहिम की पिटाई के एक साल बाद दाऊद के भाई शब्बीर की हत्या करीम लाला ने 1981 में करवा दी. 3. करीम लाला की कद-काठी और आवाज ऐसी थी कि स्थानीय लोग उसे खौफ खाते थे, जिसका फायदा उठाकर वह उन लोगों से वसूली करता था. 4. वसीम लाल के पठान गैंग ने अनगिनत मर्डर और अपहरण किया जिसके साथ जताने में पुलिस असमर्थ रही. 5. मुंबई में वसीम लाल का कद इतना बड़ा हो गया था कि जब किसी बड़े पार्टी के बीच किसी प्रकार का विवाद होता तो उसे करीम लाला के निजी कोर्ट में सुलझाया जाता था.