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बिना राष्ट्रगान के मनाया गया था पहला स्वतंत्रता दिवस, आज भारत मना रहा 77 वां महोत्सव

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बिना राष्ट्रगान के मनाया गया था पहला स्वतंत्रता दिवस, आज भारत मना रहा 77 वां महोत्सव

15 अगस्त 1947 का दिन हर भारतीय के लिए बेहद ही खास होता है. इस दिन भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी और हर तरफ आजादी के लिए खुशी का माहौल था. 15 अगस्त 1947 के दिन जब पहली बार पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली में लाल किले की लाहोरी गेट के ऊपर भारतीय झंडा फहराया. उस वक्त लाल किले पर हजारों की भिड़ इकट्ठा थी और अलग ही उत्साह था, पर जब देश में पहली बार आजादी का जश्न मनाया गया, उस वक्त राष्ट्रगान गाए बिना ही या महोत्सव मनाया गया. कहा जाता है कि बिस्मिल्लाह खान ने जन गण मन की धुन से चारों तरफ समा बांध दिया था और देश में आजादी का जश्न मनाया. आज इसी तरह भारत के लोग भारत की आजादी का 77 वां महोत्सव मना रहे हैं, जहां स्कूल और कॉलेज या सार्वजनिक जगहों पर तिरंगा फहराकर इस दिन को और भी ज्यादा खास मनाया जा रहा है. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह स्वतंत्रता दिवस हर भारतीय की जीवन में एक अहम दिन होता है और हर स्वतंत्रता दिवस पर गाया जाने वाला जन गण मन का इतिहास क्या है.

भारतीय स्वतंत्र दिवस का महत्व और अर्थ
200 वर्ष तक अंग्रेजों ने हम भारतीयों पर राज किया. ये वही दिन था, जब भारत के लोगों ने खुलकर आजादी की हवा में सांस ली थी, पर यह रास्ता आसान नहीं था. कई तूफान आए, कई लोगों को जान देनी पड़ी, पर आखिरकार भारत को आजादी मिली. यह दिन लोकतंत्र और स्वतंत्रता, समानता और न्याय के आदर्शों के प्रति देश को आगे ले जाने के लिए मनाया जाता है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हम सभी इस आजादी के महत्व को समझते हैं और उन सभी वीरों के बलिदान को याद करते हैं, जिन्होंने हमें आजादी दिलाने के लिए अपने प्राण तक त्याग दिए. यही वजह है कि हर भारतीय जीवन में यह दिन बेहद खास और भावुक करने वाला होता है.
27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में जन गण मन जो कि हमारा राष्ट्रीय गीत है उसे गाया गया था, उसके बाद वर्ष 1950 में आजादी के बाद इसे राष्ट्रगीत का दर्जा प्राप्त हुआ. रवींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में इसकी रचना की थी, जिसे गाने में 52 सेकंड का समय लगता है. भारत के राष्ट्रगान की पंक्तियां रविंद्र नाथ टैगोर के गीत भारत भाग्यो विधाता से ली गई है. इसका मूल गाना बंगाली में लिखा गया था और पूरे गाने में 5 छंद है. टैगोर ने 1905 में इसे बंगाली में लिखा था. वहीं इसका हिंदी अनुवाद कैप्टन आबिद अली ने किया था और संगीत कैप्टन राम सिंह ने दिया था, जहां 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा ने इसे भारत के राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया.

भारत को आजादी दिलाने वाली कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं
1. 1857 का विद्रोह- ये एक ऐसी क्रांति थी जिसमें भारतीय किसान, नागरिकों ने जमकर भाग लिया और यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई थी.

2. महात्मा गांधी की वापसी- 1915 में महात्मा गांधी बैरिस्टर की पढ़ाई कर कर देश वापस आ गए थे, जिसके बाद उन्होंने खेड़ा सत्याग्रह, चंपारण सत्याग्रह, स्वदेशी आंदोलन, असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन के दम पर भारत को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई.

3. जलियांवाला बाग नरसंहार- 13 अप्रैल 1919 को पंजाब में जलियांवाला बाग में संघर्ष हुआ. इसके बाद रविंद्र नाथ टैगोर ने ब्रिटिश सरकार की मिली नाइटहुड उपाधि को त्याग दिया था.

1947 में आजाद भारत के पहले स्वतंत्रता दिवस की तस्वीर.

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