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मानव तस्कर के निशाने पर हो सकते है आपके भी बच्चे,बच्चों के बाहर जाने पर रखें ख्याल

ओ तेरी..

मानव तस्कर के निशाने पर हो सकते है आपके भी बच्चे,बच्चों के बाहर जाने पर रखें ख्याल

जब आपका बच्चा बाहर स्कूल और ट्यूशन पढ़ने या किसी सामान को लेने जाता है तो आपको यह बिल्कुल भी आभास नहीं हो सकता है कि उसे किस तरह बाहर बहलाया फुसलाया जाता है. कई बार इन लोगों की चपेट में आपके बच्चे भी आ जाते हैं, जो उनका काम और आसान बना देते हैं. यह बात तो स्पष्ट है कि इन सारी घटनाओं को अंजाम देने वाले ऐसे लोग होते हैं जिन्हें बच्चे पहले से जानते हैं. यह बच्चों को भोजन, पैसा, कपड़े या चॉकलेट जैसी वस्तुओं का लालच देकर उसे निशाना बनाते हैं. मानव तस्कर सार्वजनिक जगहों जैसे की पुस्तकालय, मॉल, पार्क या स्कूल में भी हो सकते है. वह आपके बच्चो से दोस्ती कर सकते हैं ताकि वह आपके बच्चों को अपना निशाना बना सके. ऐसे में यह जरूरी है कि आप भी इस बात का ख्याल रखें कि अगर आपका बच्चा बाहर जा रहा है तो वह किस से मिलता है और उसे क्या-क्या चीजें दी जाती है.बाहर उसका बर्ताव कैसा है. अपने बच्चों को घर पर इस बात की शिक्षा देनी होगी कि बाहर उन्हें इस तरह की चीजों से दूर रहना है नहीं तो आपके बच्चे भी इस घटना का शिकार हो सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह देश में मानव तस्कर का जंजाल धीरे-धीरे फैलता नजर आ रहा है और लाखों बच्चे इसकी चपेट में आ चुके हैं.

देश में मानव तस्कर कैसे बना रहें हैं बच्चों को निशाना
मानव तस्करी के तहत किसी इंसान को खरीदा और बेचा जाता है. खरीदे जाने के बाद उसका इस्तेमाल मुफ्त में आजीवन मजदूरी करने, उसके शरीर के अंगों को बेचने या अन्य तरह के शोषण के रूप में किया जाता है.
मानव तस्करी का सबसे आम रूप यौन शोषण है, जिसकी शिकार महिलाएं और लड़कियां हैं. इसके अलावा बाल श्रम भी मानव तस्करी का दूसरा नाम माना जाता है. मानव तस्करी में शामिल ज्यादातर बच्चे बेहद गरीब और पिछड़े इलाके के होते हैं जिन्हें पैसों का लालच देकर खरीद-फरोख्त की जाती है. मानव तस्करी में सबसे ज्यादा बच्चियां भारत के पूर्वी इलाकों के दूरदराज गांवों से आती है. इन बच्चों की तस्करी में इलाके के लोकल एजेंट बड़ी भूमिका निभाते हैं, जो कस्बों और गांवों के बेहद गरीब परिवारों के कम उम्र की बच्चियों पर नजर रखकर उनके परिवार को शहर में अच्छी नौकरी के नाम पर झांसा देते हैं और फिर इस काम को अंजाम देते हैं. गरीब परिवारों की लड़कियों को बहला-फुसलाकर बड़े सपने दिखाकर विदेशों तक में बेचने के मामले सामने आए हैं. कई मामलों में अच्छी नौकरी का झांसा देकर उन्हें देह व्यापार के लिए छोड़ दिया जाता है.सबसे ज्यादा मानव तस्करी भारत से बांग्लादेश में होती है क्योंकि दोनों देशों की सीमा के एक बड़े हिस्से में चौकसी का कोई इंतजाम नहीं है और आखिरी सिरे तक दोनों देश के लोग रहते हैं.

इस अपराध को रोकने के तरीके
1. बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बताएं और बार-बार उनका हाल-चाल पूछते रहे कि उनके जीवन में क्या चल रहा है और वह कैसा महसूस कर रहे हैं.

2. मानव तस्करी की वास्तविकता और जोखिम के बारे में उन्हें शुरू से ही जागृत करें.

3. अपने बच्चों को मानसिक रूप से इतना सक्षम बनाए कि उन्हें कोई भी व्यक्ति किसी चीज का लोभ देकर अपने झांसे में ना ले सके.

अपने बच्चों से प्रतिदिन बात करें,हो सकता है की कोई उनका पीछा करता हो.

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