सबके बिगड़े हुए काम और बिगड़ी तकदीर बनाने वाले हनुमान जी के भक्तों के लिए मंगलवार का दिन बेहद ही खास होता है. कहा जाता है कि अगर इस दिन कोई भी भक्त हनुमान जी के दर पर सच्चे दिल के साथ जाता है तो उसकी हर मुराद पूरी होती है. भारत में हनुमान जी के कई ऐसे मंदिर हैं जो अपने चमत्कारों की वजह से पहचाना जाता हैं. आज हम उन्ही में से एक मंदिर की चर्चा करने जा रहे हैं जिनमे आज से हजारों साल पहले हनुमान जी प्रकट हुए थे. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां यमुना जी खुद बजरंगबली की पूजा करने के लिए आती हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर किस तरह यह मंदिर चमत्कारों की वजह से पहचाना जाता है और रामायण काल से इस मंदिर का क्या खास संबंध है.
दिल्ली के कश्मीरी गेट के समीप मरघट वाले हनुमान मंदिर का परिचय हनुमान जी का यह मंदिर दिल्ली के जमुना बाजार में स्थित है. दिल्ली के कश्मीरी गेट के पास विराजित हनुमान जी के दर्शन के लिए हर रोज हजारों की संख्या में भक्त आते हैं. महाभारत काल में मरघट वाले बाबा मंदिर में भगवान हनुमान के मूर्ति जमीन से करीब 7 से 8 फीट ऊची है इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा स्वयंभू है अर्थात यहां बाबा स्वयं प्रकट हुए थे. पहले यह मंदिर यमुना नदी के तट पर स्थित था. समय बीतने के साथ यह मंदिर किनारे से दूर चला गया. कहा जाता है कि यहां भगवान हनुमान साक्षात प्रकट हुए थे. इस मंदिर को मरघट वाले हनुमान जी के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि हनुमान जी जब लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी का पहाड़ लेकर जा रहे थे तो वह दिल्ली के इसी स्थान पर कुछ देर के लिए ठहरे थे. जब वह पहाड़ लेकर जा रहे थे तो उन्होंने नीचे यमुना नदी को बहते हुए देखा और यमुना जी के किनारे कुछ देर के लिए आराम करना चाहा लेकिन जैसी ही वह नीचे उतरे तो उन्होंने देखा कि यहां तो शमशान घाट है और उनके यहां उतरने से बुरी आत्माओं में हाहाकार मच गया. उस समय हनुमान की उपस्थिति ने सभी आत्माओं को मुक्ति प्रदान की थी. साथ ही साथ जब भगवान हनुमान ने माता यमुना जी के दर्शन किए तो यमुना जी ने भी हनुमान जी को बोला कि आपके दर्शन करने में हर साल आया करूंगी और यहां आपका एक शक्तिशाली मंदिर होगा. हर मंगलवार और शनिवार को मरघट वाले बाबा हनुमान जी के मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और अपनी बिगड़ी तकदीर को संवारने की प्रार्थना करते हैं.
मरघट वाले हनुमान जी मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातें : 1. इस मंदिर के सामने आज भी शमशान घाट है. जो आत्मा यहां अंतिम यात्रा में आती है उसे हनुमान जी पार लगाते हैं.
2. मंदिर के पीछे एक उद्यान है जिसे हनुमान वाटिका के नाम से जाना जाता है. तुलसीदास के रामचंद्र मानस, वाल्मीकि के रामायण और हनुमान चालीसा के प्रवचनों के लिए इसका उपयोग किया जाता है.
3. जब यमुना जी को हनुमान जी के दर्शन करने का मन होता है तो वह विशाल रूप लेकर मंदिर में आ जाती है.