पिछले करीब तीन महीनो में भारत ने चांद की जमीन को छू लिया है और सूर्य के रहस्य की खोज के लिए सूर्य पर भी कई तरह के जानकारियां हासिल की जा रही है, पर यह नया भारत है जो नई-नई ऊंचाइयां और उपलब्धियां को हासिल करने में पीछे नहीं रहने वाला है. इसी के साथ नया भारत अब चांद और सूरज के बाद गगन का सफर करने की तैयारी में लगा हुआ है. इसके लिए भारतीय वायु सेना के तीन जवान को एस्ट्रोनॉट्स बनाकर गगनयान में भेजने की तैयारी भी हो चुकी है. इसके लिए इसरो की टीम ने सारे पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं और अब इस मिशन के लिए तैयार है. आज हम आपको गगनयान मिशन के बारे में बताएंगे कि आखिर इसके पीछे इसरो का क्या उद्देश्य है और अभी तक किन-किन तैयारी को पूरा कर लिया गया है.
मिशन गगनयान का छोटा परिचय और मानव सहित मिशन भेजने की तैयारी का आकलन गगनयान मिशन एक ऐसा मिशन है जिसकी तैयारी काफी लंबे समय से चल रही थी. इसके तहत पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. गगनयान मिशन के तहत तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा. इन यात्रियों को तय कक्षा में 3 दिन के लिए रखा जाएगा. इसके बाद सुरक्षित वापस लाया जाएगा. उन्हें भारतीय क्षेत्र के समुद्र में उतर जाएगा. गगनयान की लांचिंग में मानव रहित यान को रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. सारे सिस्टम की जांच की जाएगी. रिकवरी सिस्टम और टीम की तैयारी की जांच होगी. इस मिशन में भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड भी शामिल है. इसके साथ ही भारत अंतरिक्ष में मानव को भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा. इस मिशन के लिए मानव भेजने के पीछे इसरो का यह लक्ष्य माना जा रहा है कि इससे युवाओं को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रवेश के लिए प्रेरणा मिलेगी. साथ ही साथ देश के विज्ञान और वैज्ञानिकों की सोच को बढ़ावा मिलेगा. इस मिशन का उद्देश्य एक मानव रहने योग्य अंतरिक्ष कैप्सूल विकसित करना है.
उन 3 वायु सेवा के जवानों की चर्चा जिन्हें गगनयान में भेजने के लिए चयन किया गया है इसरो ने गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री चुन लिए हैं. गगनयान मिशन में जाने वाली तीनों एस्ट्रोनॉट्स को व्योमनॉट्स कहा जाएगा. भारतीय वायु सेना की 91वां वर्षगांठ पर एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें किसी भी संभावित अंतरिक्ष यात्री का चेहरा या परिचय नहीं बताया गया है. इस दौरान उन्हें प्रशिक्षण और व्यायाम करते दिखाया गया है. बताया जा रहा है कि ने गगनयान के हिस्से के रूप में चुना गया है. हालांकि इसरो ने अभी इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ कहा नहीं है. जब इसे लॉन्च किया जाएगा तब इन्हें एक विशेष स्पेस सूट पहनाया जाएगा, जो कि उनकी अंतरिक्ष में मौजूद सूर्य के तेज प्रकाश एवं रेडिएशन के साथ-साथ हर तरह के खतरनाक वातावरण से सुरक्षा प्रदान करेगा. इतना ही नहीं इन्हें विभिन्न गुरुत्वाकर्षण फील्ड एवं अन्य सभी चीजों के बारे में प्रशिक्षण के लिए रसिया भी भेजा जा सकता है.