जीवन में हर व्यक्ति को कभी ना कभी ऐसी स्थिति का सामना जरूर करना पड़ता है जब उसे किसी मेडिकल फैसिलिटी की जरूरत पड़ती है. आज के समय में कई ऐसी बीमारियां बढ़ते जा रही हैं जिनका यदि समय पर इलाज न कराया जाए तो यह गंभीर रूप धारण कर लेती है, पर वैसे लोगों को काफी परेशानी के सामना करना पड़ता है जिनके देश में मेडिकल फैसिलिटी अच्छी नहीं होती और उन्हें विदेशों में या दूसरे अन्य देशों में जाकर अपना इलाज करना पड़ता है. इस मामले में भारत के लोग काफी भाग्यशाली हैं कि उनका देश इस मामले में काफी अव्वल होता जा रहा है. इतना ही नहीं अब विदेश के लोग भी कई बीमारियों का इलाज कराने के लिए भारत की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. यह सिर्फ और सिर्फ भारत के बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का हीं नतीजा है कि पूरी दुनिया में भारत को एक अलग तरह से पहचान मिली है.
भारत की मेडिकल फैसलिटी
मौजूदा समय में भारत की जो मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर है वह दुनिया भर को आकर्षित कर रही हैं. भारत एक बहू भुगतानकर्ता सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल मॉडल है, जिसका भुगतान सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य बीमा निधियां के संयोजन के साथ-साथ लगभग पूरी तरह से कर वित्त पोषित सार्वजनिक अस्पतालों के तत्व द्वारा किया जाता है. कुछ सेवाओं में छोटे अक्सर प्रतीकात्मक सा भुगतान को छोड़कर सार्वजनिक अस्पताल प्रणाली सभी भारतीय निवासियों के लिए अनिवार्य रूप से मुफ्त है. संसार भर में भारत में सर्वाधिक चिकित्सा महाविद्यालय है और यहां सबसे अधिक डॉक्टर तैयार किए जाते हैं. लगभग हर वर्ष 15000 नए डॉक्टर योग्यता प्राप्त करते हैं. इतना ही नहीं भारत विश्व का दवाइयां निर्मित करने वाला चौथा बड़ा देश है और यहां भारी मात्रा में दवाइयों का निर्माण होता है. बीमारियों से बचाव और उनके उपचार के लिए भारत में बड़ी संख्या में डॉक्टर, दवाखाने व अस्पताल है. देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को चलाने का पर्याप्त अनुभव और ज्ञान भी उपलब्ध है. यहां ऐसी चिकित्सालय और स्वास्थ्य केंद्र है जिन्हें सरकार चलाती है. सरकार अपनी जनसंख्या के एक बड़े भाग की देखभाल करने में समर्थ है जो सैकड़ो और हजारों गांव में फैली हुई है.
विदेशी मरीजों का भारत में इलाज के लिए आने का आंकड़ा और कारण
पिछले 1 साल में लगभग 8 लाख मेडिकल टूरिस्ट भारत आए हैं. यानी दुनिया भर के लगभग 8 लाख लोग पिछले 1 साल में अपना इलाज कराने भारत आए हैं. इसके तीन कारण है. पहला- जहां से यह लोग आ रहे हैं वहां इसका इलाज उपलब्ध नहीं है. दूसरा- कई ऐसे देश है जहां सुविधा तो है लेकिन वेटिंग लिस्ट है. मरीजों की लंबी कतार है और तीसरा कारण यह है कि कुछ देशों में सुविधा तो है लेकिन काफी महंगी है जिसे लोग वहन नहीं कर सकते, जबकि भारत में इन तीनों चीजों का समावेश है. भारत का आउटकम जो कि सफलता का मापदंड है वह दुनिया के अन्य देशों के बराबर ही है, लेकिन यहां इलाज दुनिया की कीमतों की तुलना में 20 से 25% तक कम है. वैलनेस टूरिज्म में भारत की रैंकिंग काफी अच्छी है. कास्टिंग के रैंकिंग में भारत नंबर वन है. भारत में इलाज 65 से 90% ज्यादा अफॉर्डेबल है. इलाज के लिए जो भी विदेशी मरिज भारत आते हैं उनके लिए मेडिकल वीजा की एक अलग कैटेगरी बना दी गई है. वह लोग मेडिकल वीजा लेकर आते हैं तभी उनका इलाज भारत में संभव हो पता है. इसमें इमरजेंसी इलाज शामिल नहीं है.
कारण विदेशी मरीजों का भारत में बड़ी संख्या में इलाज कराने के लिए आने का देशों के नाम जहां से मरीजों की संख्या अधिक
भारत में सबसे ज्यादा मिडल ईस्ट देश से मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. पूर्वी अफ्रीका और दक्षिण पूर्वी देशों से भी मरीज आते हैं. पहले अफगानिस्तान से भारी संख्या में मरीज आते थे लेकिन विजा समस्याओं के कारण अब थोड़े कम आ रहे हैं. इन सब के बीच बताया जाता है कि सबसे ज्यादा इलाज कराने के लिए इराक, यमन के लोग यहां पर आते हैं जहां दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता विदेशी मरीजों की पसंदीदा जगह है.